केंद्र सरकार कथित तौर पर अगले महीने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) के निजीकरण के लिए वित्तीय बोली आमंत्रित करने की योजना बना रही है। सरकार वर्षों की देरी के बाद राज्य द्वारा संचालित कंपनी को बेचना चाह रही है। शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया भारत के कुल टन भार का लगभग एक तिहाई का मालिक है और इसका संचालन करता है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार अब मई के मध्य तक शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना बना रही है। योजना को अभी सार्वजनिक किया जाना बाकी है। हालांकि, अंतिम निर्णय 14 अप्रैल को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा लिया जाएगा। सरकार द्वारा अपनी 63.75% हिस्सेदारी बेचने से पहले शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को अपनी गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करना पड़ा। विनिवेश ने उस धन की राशि को लेकर बाधाओं को मारा, जिसे डीमर्ज की गई इकाई में स्थानांतरित किया जाना था। स्पिनऑफ को फरवरी में विनियामक मंजूरी मिली और पिछले महीने पूरा हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, शिपिंग कॉरपोरेशन को 23 अप्रैल से पहले एससीआई लैंड एसेट्स नामक डीमर्ज की गई इकाई को सूचीबद्ध करना होगा। समिति कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) में सरकार की 31 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए प्रारंभिक बोली आमंत्रित करने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी। भी 2020 से विलंबित है। ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने सहित कई सरकारी कंपनियों के निजीकरण की योजना की घोषणा के बाद आए हैं।