तेलुगु सिनेमा में अपने निर्देशक से सालों तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले दिग्गज निर्देशक के विश्वनाथ का बीती रात को निधन हो गया। भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित केविश्वनाथ ने 92 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली।
निर्देशक के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है, इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ-साथ फिल्ममेकर के फैंस भीसोशल मीडिया पर उनके जाने से काफी दुखी हो गए हैं। इस बीच अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी के विश्वनाथके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है। वही चिरंजीवी, एसएस राजामौली और बहुत जानेमाने कलाकार उनकेअंतिम संस्कार के लिए डायरेक्टर के निवास पर पहुंचे।
विश्वनाथ ने फिल्मों में सिर्फ बतौर निर्देशक ही नहीं, बल्कि एक एक्टर और स्क्रीन-राइटर के तौर पर भी काम किया।तेलुगु सिनेमा में उन्होंने अपना एक अलग मार्क छोड़ा था। देश के साथ-साथ विदेशो में भी उनकी फिल्मों को काफीसराहा गया। साल 1980 में दिग्गज निर्देशक के विश्वनाथ को 'बेसनकॉन फिल्म फेस्टिवल ऑफ फ्रांस' में 'जनता कापुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्हें 1992 में कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए आंध्र प्रदेश प्रदेशमें रघुपति वेंकैया पुरस्कार और पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
विश्वनाथ के फिल्मी करियर की शुरुआत 1965 में तेलुगू फिल्म 'आत्मा गोव्रावाह्म' से हुई थी। अपनी डेब्यू फिल्म केलिए उन्हें नंदी अवॉर्ड पुरस्कार मिला था। उनकी लास्ट फिल्म 'ओप्पंडा' थी। इस कन्नड़ फिल्म में उन्होंने बतौर एक्टर काम किया।