आलिया भट्ट की मोस्ट वेटेड फिल्म 'गंगूबाई काठियावाडी' इस साल रिलीज होने को तैयार हैं। हाल ही में डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के जन्मदिन पर फिल्म के टीजर को रिलीज किया गया था। वहीं फिल्म को तेलुगु भाषा में रिलीज करने की जानकारी कल ही दी गई थी। वहीं आज फिल्म के तेलुगु टीजर को भी रिलीज किया गया। संजय लीला भंसाली के प्रोडक्शन हाउस 'भंसाली प्रोडक्शन' द्वारा फिल्म को 30 जुलाई 2021 के दिन रिलीज करने की जानकारी दी गई है।
फिल्म के हिंदी टीजर को खूब पसंद किया गया वहीं फिल्म में आलिया भट्ट की परफोर्मेंस भी दमदार नजर आई। दर्शकों ने टीजर के डॉयलॉग और आलिया की पर्फोर्मेंस को इंस्टा रील के जरिए रीक्रिएट भी किया। टीजर में आलिया गंगूबाई के किरदार को बेहतरीन निभाती दिखी, जंहा 'गंगू चांद हैं और चांद रहेगी' जैसा बेहतरीन डॉयलॉग हिंदी टीजर में देखने मिला था। वहीं इसी डॉयलॉग को तेलुगु टीजर में भी देखने मिला। बैकग्राउंड में वाॅइस ओवर के जरिए गंगू की कहानी को बताया गया। फिल्म के तेलुगु रिलीज होने पर भी फैंस और दर्शक बहुत एक्साइटेड नजर आ रहे हैं।
आलिया के गंगुबाई के लुक की बात करें तो, माथे पर लाल रंग की बिंदी लगाए, नाक में नथ पहने आलिया नजर आ रही है।
बता दें कि, फिल्म में आलिया भट्ट, गंगूबाई कठियावाड़ी का किरदार निभाएंगी। संजय ने फिल्म को डायरेक्ट किया है। वहीं फिल्म को प्रोड्यूस संजय लीला भंसाली और जयंतीलाल गडा मिल कर रह रहे हैं। फिल्म की कहानी हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई के एक हिस्से पर आधारित है। पहले फिल्म का नाम हीरामंडी रखा जाना था।
रियल लाइफ गंगूबाई की बात करे तो, गंगूबाई मुंबई के हीरामंडी नाम की जगह पर कोठा चलाती थीं। साथ ही वह देश के विभिन्न शहरों में फ्रेंचाइजी कोठे खोलने वाली वह पहली पेशेवर महिला थीं। कहा जाता है कि 60 के दशक में गंगूबाई का ऐसा दबदबा था कि कोई भी उनसे मुसीबत मोल लेने से डरता था। गंगूबाई का असल नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। वह गुजरात के काठियावाड़ से ताल्लुक रखती थीं।
गंगा, गुजरात के एक समृद्ध परिवार से थीं जो मुंबई आकर हीरोइन बनना चाहती थीं। 16 साल की उम्र में ही गंगा अपने पिता के अकाउंटेंट के प्यार में पड़कर मुंबई चली आई और शादी कर ली। हालांकि कुछ दिनों बाद उनके पति ने 500 रुपये के लिए उन्हें एक कोठे पर बेच दिया। इसके बाद गंगा की जिंदगी में इतने उतार-चढ़ाव आए कि वह गंगा से कोठेवाली गंगूबाई बन गईं। आगे चलकर मुंबई माफिया और नेताओं तक उनकी अच्छी पहुंच हो गई। वह हमेशा सेक्स वर्कस के अधिकारों के लिए आवाज उठाती थीं।