मुंबई, 30 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) पांच साल पहले मुंबई के दादर में एक पादरी के द्वारा 13 वर्षीय बच्चे के हुए यौन शोषण के मामले में विशेष POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अदालत ने पादरी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
ज्ञात हो कि उपनगरीय क्षेत्र दादर की विशेष POCSO अदालत की न्यायाधीश सीमा जाधव ने आरोपी पादरी जॉनसन लॉरेंस को यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत दोषी पाया और इसी के तहत पादरी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अगस्त से नवंबर 2015 के बीच दोषी पादरी जॉनसन लॉरेंस ने दो बार नाबालिग बच्चे का यौन उत्पीड़न किया।
पीड़ित किशोर ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि वह 27 नवंबर, 2015 को अपने भाई के साथ दादर के शिवाजी नगर इलाके में स्थित चर्च गया था। प्रार्थना के बाद आरोपी पादरी ने एक बक्सा रखने के लिए पीड़ित को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद करके उसका यौन उत्पीड़न किया।
पुलिस को दिए बयान में बच्चे ने आरोप लगाया कि पादरी ने कुछ महीने पहले भी उसके साथ ऐसा ही कृत्य किया था। बाद में पीड़ित बच्चे ने मजिस्ट्रेट के समक्ष भी यही बयान दिया। इस मुकदमे में कम से कम नौ लोगों की गवाही हुई, जिससे पादरी के खिलाफ अपराध सिद्ध करना आसान हो गया।