गाजियाबाद, 24 मई | उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में येलो फंगस का पहला मामला सामने आया है. येलो फंगस का शिकार हुए इस मरीज का फिलहाल गाजियाबाद के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है पूरा देश पहले ही कोविड-19 की दूसरी लहर और उसके बाद आए ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस से लोग परेशान है वहीं अब देश में येलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है
जानकारी के अनुसार विशेषज्ञों ने इस फंगस के लक्षण भी बता दिए हैं येलो फंगस के मरीज को सुस्ती, भूख कम होना या बिल्कुल भूख न लगने जैसे शुरुआती लक्षण आते हैं साथ ही मरीज का वजन भी कम होने लगता है. वहीं गंभीर मामलों में मवाद आने, घावों के धीमी गति से ठीक होने, कुपोषण, अंगों का काम करना बंद करने जैसे स्थिति पैदा हो जाती है. इसके मरीज की आंखें भी अंदर धंस जाती हैं
यह घातक बीमारी शरीर के अंदर शुरू होती है इसलिए कहा जा रहा है कि यह येलो फंगस बाकी दोनों यानी कि ब्लैक और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक है और काफी बाद में इसके लक्षण बाहर दिखाई देते हैं. ऐसे में लक्षण दिखते ही तत्काल ट्रीटमेंट शुरू करें
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ बीपी त्यागी जी ने कहा कि सीटी स्कैन में 45 साल के एक मरीज का साइनस सामान्य था लेकिन एंडोस्कोपी करने के बाद हमें पता चला कि उसे 3 तरह के फंगस (ब्लैक, व्हाइट और येलो) हो गए हैं। पीला कवक आमतौर पर सरीसृपों में पाया जाता है। मैंने इसे पहली बार मानव में देखा