नई दिल्ली, 21 मई - सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के बागी सांसद कनुमुरी रघुराम कृष्णम राजू को जमानत दे दी है। पिछले कुछ महीनों में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की आलोचना करने वाले राजू को 14 मई को उनके हैदराबाद आवास से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रघुराम राजू पर पुलिस द्वारा की गयी पिटाई को ख़राब माना। कोर्ट के जस्टिस विनीत सरन और बी आर गवई की खंडपीठ ने कहा, "हमारे विचार में, सेना अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा रिपोर्ट की गई चोटों को देखते हुए, हम प्रथम दृष्टया यह राय बना सकते हैं कि याचिकाकर्ता के साथ पुलिस हिरासत में खराब व्यवहार किया गया था।"
न्यायाधीशों ने कहा: "याचिकाकर्ता [राजू] के खिलाफ आरोप ऐसे नहीं हैं कि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता होगी। याचिका की समग्रता और याचिकाकर्ता की ओपन हार्ट सर्जरी के बाद से उसकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हम इसे उचित समझते हैं कि याचिकाकर्ता को जमानत दी जाए।
अदालत ने राजू को मीडिया से बात करने या अपनी चोटों को प्रदर्शित करने से भी रोक दिया है और उन्हें जांच अधिकारी के साथ सहयोग करने के लिए भी कहा है। राजू को 10 दिन के भीतर एक लाख रुपये का मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें निचली अदालत में जमा करने को कहा गया है।
वाईएसआर कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट को दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि आंध्र प्रदेश सीआईडी ने "हिरासत में उन्हें बेरहमी से पीटा था"। राजनेता ने यह भी दावा किया था कि मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित था। याचिका पर अदालत ने 17 मई को आदेश दिया था कि राजू को चिकित्सा निरीक्षण के लिए सिकंदराबाद सेना अस्पताल ले जाया जाए।
शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट की जांच करने पर अदालत ने पाया कि राजू के पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर जैसी चोटें थीं। राजू के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा: “इसका मतलब है कि यातना का आरोप साबित होता है। अगर मौजूदा सांसद के साथ ऐसा होता है तो आम आदमी का क्या होता होगा?”
बता दें वायएसआर कोंग्रेस नेता कनुमूरी रघुराम कृष्णम राजू पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की आलोचना करना व समुदायों के बीच तनाव पैदा करना व सरकार के विरोध लोगों को भड़काने के मामले में देशद्रोह के आरोप लगाए गए और उन्हें गिरफ़्तार किया गया था।