वाराणसी, 22 मई - देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में हो रही गिरावट के बीच उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में व्हाइट फंगस से संक्रमित मरीज मिलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ खुफिया एजेंसी भी अलर्ट मोड में है। एक ओर स्वास्थ्य विभाग इस संक्रमण का इलाज ढूँढ रहा वही ख़ुफ़िया एजेंसी मरीज़ के संक्रमित होने का कारण ढूँढ रही है ।
उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के सहादतपुरा निवासी 70 साल के एक बुजुर्ग की एक आंख में व्हाइट फंगस का संक्रमण मिलने पर परिवार के लोग उसे उपचार के लिए वाराणसी ले गए हैं। संक्रमण के इस मामले को उत्तर प्रदेश का पहला मामला बताया जा रहा है। अकेले वाराणसी में ब्लैक फंगस के भी 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
बता दें कोरोना संक्रमण के मामलों कुछ गिरावट आने के बाद मऊ जिला प्रशासन को कुछ राहत महसूस हुई, तभी ब्लैक फंगस का मरीज जिले में मिला, स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की लेकिन जब व्हाइट फंगस का मरीज मिला तो जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग के सामने भी एक नयीं चुनौती खड़ी हो गई।
बताया जा रहा है की फ़ंगस के जानकारी मिलते ही आईबी के लोगों ने फोन कर मरीज के नाम आदि की जानकारी लेना शुरू कर दी, इस दौरान आईबी (इंटेलिजेन्स ब्युरो) ने मरीज का उपचार करने वाले डॉक्टर तक से बातचीत कर मरीज और उसकी बीमारी की जानकारी ली है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस संक्रमण को रोकने और इसके इलाज के लिए अपनी तैयारियाँ शुरू कर दीं। तैयारी के क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा है साथ ही बीमारी से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है । इसी के साथ ईएनटी सर्जन, नेत्र सर्जन, एनस्थीसिया चिकित्सकों के बारे में जानकारी ली गई है ताकि यहां के चिकित्सक ब्लैक व व्हाइट फंगस के मरीजों की पहचान कर सकें।
प्रदेश में व्हाइट फंगस के मिलने से लोगों डर की स्तिथि पैदा हो गयी है इस संबंध में प्रभारी सीएमओ डॉ. एसपी अग्रवाल का कहना है कि ब्लैक औऱ व्हाइट फंगस से निपटने के लिए जो दिशानिर्देश आए हैं, उसके अनुसार संक्रमण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।