गुवाहाटी (असम), 30 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) असम (Assam) के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने राज्य के एक महत्वपूर्ण मुड़े पर अपने विचार रखते हुए आज कहा कि असम (Assam) में अल्पसंख्यकों की परिभाषा जिलेवार बदली जानी चाहिए, यह वर्तमान संदर्भ में निर्दिष्ट नहीं है।
उन्होंने (Himanta Biswa Sarma) आगे कहा कि असम सरकार भी राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान करने के मामले में (एससी में) भाग लेने का प्रयास करेगी। हमारा मत है कि अल्पसंख्यकों की परिभाषा जिलेवार बदली जानी चाहिए। हमारी याचिका केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों तक ही सीमित रहेगी। आज अल्पसंख्यकों में शामिल हैं - रेंगमा, कुकी। चाय बागान के लोग अल्पसंख्यक नहीं हैं क्योंकि उनके पास ओबीसी प्रमाण पत्र हैं और ईसाई के रूप में अल्पसंख्यक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने आगे इस परिवर्तन की प्रासंगिकता को बताते हुए कहा कि कई भ्रम हैं। एक व्यक्ति जिसने एसटी छात्रवृत्ति प्राप्त की है उसे अल्पसंख्यक, ओबीसी छात्रवृत्ति भी मिल रही है। अब ऐसे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हो रही है। उम्मीद है कि (एससी) जल्द ही अल्पसंख्यक परिभाषा निर्दिष्ट करेंगे, ताकि हमें पता चल सके कि वे कौन हैं।