भोपाल, 02 मई । मध्य प्रदेश में अब कोरोना की चेन ब्रेक करने का एक मात्र तरीका जहां संक्रमण है उसे वहीं रोकने के लिए गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले, गली-गली में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना संक्रमण नहीं है, वहां बाहर से आने-जाने वालों पर सख्ती की जाना शुरू कर दी गई है, जिससे वहां संक्रमण प्रवेश न कर पाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक लेते हुए कहा है कि सभी के प्रयासों से 'मेरा गांव-कोरोना मुक्त गांव', 'मेरा मोहल्ला-कोरोना मुक्त मोहल्ला' और 'मेरा शहर-कोरोना मुक्त शहर' बनायें। घर-घर सर्वे कर सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों की पहचान की जाए और उन्हें मेडिकल किट देकर इलाज शुरू कराया जाए। प्रारंभ से ही दवाई दिए जाने से मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे। इसके लिए गांव और शहरों में अभियान चलाया जाए। शहरों में कोरोना सहायता केंद्र बनाये जायें, जहाँ से आसानी से मेडिकल किट उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मेडिकल किट एवं मार्गदर्शिका प्रदाय की जाए तथा इलाज के संबंध में प्रतिदिन डॉक्टर उनसे बात कर सलाह दें। जिन मरीजों के घर में जगह कम है उन्हें कोविड केयर सेंटर्स में रखा जाए। कोविड केयर सेंटर्स में इलाज के साथ ही भोजन आदि की भी अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन व्यवस्था को परफेक्ट बनाया जाए।
हाई पॉजिटिविटी वाले जिलों पर विशेष ध्यान दें
मुख्यमंत्री शिवराज ने निर्देश दिए कि प्रदेश के हाई पॉजिटिविटी वाले जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश के 15 जिलों में 25% से अधिक 7 दिन की औसत पॉजिटिविटी रेट है। टीकमगढ़ की 47%, शिवपुरी की 39%, दतिया की 34%, अनूपपुर की 32%, सिंगरौली की 31%, नरसिंहपुर की 31%, सीधी की 31%, कटनी की 30% ग्वालियर की 29%, निवाड़ी की 27%, सीहोर की 27%, भोपाल की 27%, डिंडोरी की 27%, बैतूल की 26% तथा मुरैना की 26% पॉजिटिविटी रेट है।
होम आइसोलेशन व्यवस्था को पर्फेक्ट बनायें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन व्यवस्था को परफेक्ट बनायें, जिससे मरीज घर पर ही स्वस्थ हो जायें और उन्हें अस्पताल जाने की आवश्यकता ही न पड़े। प्रदेश में वर्तमान में 64 हजार 218 मरीज होम आइसोलेशन में हैं, इनमें से 13 हजार 596 ग्रामीण क्षेत्र में तथा 50 हजार 622 नगरी क्षेत्र में हैं।