मुंबई, 16 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। नरेंद्र मोदी आज सोमवार को दो घंटे 15 मिनट तक कालिदास आवास में एक अहम बैठक करेंगे। इस बैठक में CM योगी समेत उनकी पूरी कैबिनेट मौजूद रहेगी। सूत्र बताते हैं कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब CM योगी दोनों डिप्टी CM के साथ दिल्ली गए थे, तभी सभी मंत्रियों के साथ मीटिंग करने का टाइम तय हुआ था। माना जा रहा है योगी सरकार-2.0 कैबिनेट में तालमेल को लेकर अंदरूनी खींचतान बनी हुई है। इसको दूर करने के लिए भी PM मोदी का दौरा अहम माना जा रहा है। PM नरेंद्र मोदी योगी कैबिनेट के साथ डिनर भी करेंगे। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। होटल ताज के केटरर्स को PM मोदी के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि यह डिनर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर काफी खास है। मोदी के लिए खास गुजराती डिश बनाई जा रही है। आपको बता दे PM मोदी रात में हल्का खाना खाते हैं। रात के भोजन में वह गुजराती खिचड़ी के अलावा भाखरी और दाल पसंद करते हैं। PM मोदी रात के खाने में बिना मसाले की सब्जी पसंद करते हैं। लिहाजा CM योगी की तरफ से रात के खाने के मेन्यू में PM के पसंदीदा खाने के साथ ही अन्य शाकाहारी भोजन को भी परोसा जाएगा।
इस बार का डिनर इसलिए अलग है, क्योंकि PM मोदी का योगी और उनके मंत्रियों के साथ सीधा संवाद होगा। इस दौरान सुशासन, योजनाओं को अमल में लाना और जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का मंत्र भी PM मंत्रियों को देंगे। योगी के CM बनने के बाद UP केंद्रीय योजनाओं के अमल में लगातार आगे रहा है। विधानसभा चुनाव में भी मोदी की योगी के कंधे पर हाथ रखे तस्वीर वायरल हुई थी। PM ने मंच से 'अबकी बार योगी सरकार' का नारा लगाया था। दूसरी पारी शुरू करने के बाद CM योगी के निर्णयों में भी अलग आत्मविश्वास दिखा है। IAS अफसरों को सस्पेंड करने से लेकर, परफॉर्मेंस पर खरा न उतरने पर DGP तक को हटाने के फैसले इसके उदाहरण हैं। सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के सपने को पूरा करने के लिए UP को मजबूत करना जरूरी है। इसीलिए PM मोदी अभी से सक्रिय हो गए हैं।
तो वही मोदी नवंबर, 2021 में लखनऊ के तीन दिन के दौरे पर आए थे। इस दौरान वह राजभवन में ही रुके थे। CM ने PM से रात्रिभोज का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। वैसे योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 20 जून, 2017 को PM ने CM आवास पर डिनर में हिस्सा लिया था। इसमें विपक्ष के नेताओं, धर्मगुरुओं सहित दूसरे खास मेहमान भी बुलाए गए थे। विपक्ष से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव डिनर में पहुंचे थे। हालांकि, अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती नहीं पहुंची थीं। उस डिनर को राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी के लिए किया गया था।