अहमदाबाद,14 मई । राजकोट समेत सौराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना से उबरने वालों के लिए म्यूकोर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) नामक बीमारी घातक साबित हो रही है। इस बीमारी का असर मस्तिष्क तक पहुंच रहा है और इस बार युवाओं के इस बीमारी से ग्रसित होने के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अब तक राज्य में इस घातक बीमारी से 60 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजकोट सिविल अस्पताल के अधीक्षक आरएस त्रिवेदी ने बताया कि म्यूकोर माइकोसिस बीमारी का असर इस बार मस्तिष्क तक भी पहुंच रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि गुजरात में अभी तक 60 रोगी अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से अहमदाबाद में 20, सूरत में 16, वडोदरा में 15 और सौराष्ट्र में 9 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा राज्य में 15 से ज्यादा रोगियों ने अपनी आंख की रोशनी गंवा दी है। त्रिवेदी ने बताया कि म्यूकोर माइकोसिस के लिए बनाए गए अलग वार्ड में इस समय 200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। सर्जरी की आवश्यकता होने पर उनके लिए अलग से ऑपरेशन थिएटर आवंटित किया गया है।विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम रोजाना 6 से 8 मरीजों का ऑपरेशन कर रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में म्यूकोर माइकोसिस मरीजों के लिए 500 बेड तैयार करने का काम चल रहा है।
अधीक्षक त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव मरीज को म्यूकोर माइकोसिस रोग से पीड़ित पाया गया। इस बार युवाओं में इसके मामले बढ़े हैं, जो चिंता का विषय भी है। अब इस बीमारी का असर दिमाग पर भी दिखने लगा है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का इलाज लगभग 4 से 6 सप्ताह तक चलता है। जिसके लिए रोजाना 4 से 5 इंजेक्शन लगाने पड़ रहे हैं, जिनकी कीमत लगभग 7000 है। एक मरीज को 120 से अधिक इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार इन इंजेक्शनों को पर्याप्त मात्रा में अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा सहित राज्य के सभी सिविल अस्पताल में आपूर्ति की जा रही है।
पिछले एक सप्ताह में राजकोट सिविल अस्पताल में म्यूकोर माइकोसिस के तीन मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा जामनगर और सुरेंद्रनगर में भी छह मरीजों की मौत हुई है। इस संबंध में राजकोट के कलेक्टर रेम्या मोहन ने बताया कि अब म्यूकोरमाइकोसिस के वार्ड में कुल 400 बेड काम कर रहे हैं। वर्तमान में एक ईएनटी सर्जन सिविल में मरीजों के लिए काम करता है। लेकिन आने वाले दिनों में दो ईएनटी सर्जन भावनगर से राजकोट में स्थानांतरित किए जाएंगे। ताकि तीन ईएनटी सर्जनों की टीम मरीजों का सही से इलाज कर सकेंगे। इसी बीच ईएनटी सर्जन ऐसोसिएशन ने सिविल अस्पताल में फ्री सर्विस देने का फैसला किया है।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ईएंडटी सर्जन डॉ. कल्पेश पटेल बताया कि अहमदाबाद सिविल में 1200 कोविड बेड के अस्पताल में 5वां वार्ड बनाया गया है। यहां का ऑपरेशन थियेटर 24 घंटे काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में पहले रोजाना 12 से 15 मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में 221 मरीज सिविल में उपचाराधीन हैं। पिछले दो दिन में 82 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं।
बताया गया है कि म्यूकोरमाइकोसिस के उपचार में आवश्यक एम्फ़ोटेरिसिन इंजेक्शन बाजार में नहीं मिल रहा है। कई रोगियों के रिश्तेदारों को बाहर से लाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सिविल अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार म्यूकोर माइकोसिस के रोगियों की संख्या बढ़ने से एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन की आपूर्ति में भी कठिनाई हो रही है। लेकिन हमें जीएमएससीएल लगातार आपूर्ति कर रहा है ताकि रोगी के रिश्तेदारों के बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए न कहा जाए।
सूरत के विभिन्न अस्पतालों में भी अब तक 150 म्यूकोर माइकोसिस के रोगियों भर्ती किया गया है। सूरत के तीन अस्पताल में अभी तक 91 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। यहां अब तक म्यूकोर माइकोसिस के 16 रोगियों की मौत हो चुकी है। जबकि 10 रोगियों की आंख निकाल दी गई है।