मुंबई, 06 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रूस-यूक्रेन जंग के चलते यूक्रेन में पढ़ने वाले इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स को अब नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने यूक्रेन से पढ़ाई बीच में छोड़कर लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। आयोग ने मंगलवार को एक NOC जारी की। इसके मुताबिक, ये स्टूडेंट अब देश-दुनिया के किसी भी मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। हालांकि NMC ने यह भी कहा है कि इन स्टूडेंट्स को स्क्रीनिंग टेस्ट रेगुलेशन 2002 के दूसरे मापदंड पूरे करने होंगे।
दरअसल यूक्रेन से लौटे ज्यादातर छात्रों ने टेम्परेरी यानी अस्थायी तौर पर देश के ही प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में सीटें दिए जाने की मांग की थी। हालांकि, अभी तक NMC या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस मांग पर कुछ नहीं कहा है। NMC ने इससे पहले के एक नियम में कहा था ,की कोर्स के दौरान पूरे सिलेबस की ट्रेनिंग, इंटर्नशिप या क्लर्कशिप एक ही फॉरेन मेडिकल इंस्टीट्यूट से पूरी की जाएगी। यानी ट्रेनिंग या इंटर्नशिप का कोई भी हिस्सा किसी दूसरे कॉलेज या यूनिवर्सिटी से नहीं किया जाएगा। हालांकि सबसे खतरनाक वॉर जोन में बनी यूक्रेन की कुछ मेडिकल यूनिवर्सिटीज ने विदेशी छात्रों को मोबिलिटी या ट्रांसफर प्रोग्राम लेने के लिए कहा था। इसके बाद NMC ने विदेश मंत्रालय की सलाह पर यह फैसला लिया। कमीशन ने इसे टेम्परेरी रिलोकेशन कहा है। यानी स्टूडेंट्स को डिग्री यूक्रेन की वही यूनिवर्सिटी जारी करेगी, जिसके वो स्टूडेंट्स हैं।