मुंबई, 3 फरवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहम गवाह मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आज एक अहम खुलाशा किया है।
पूर्व-मुंबई सीपी परमबीर सिंह ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा कि मुझे अपने सूत्रों से पता चला कि मुंबई पुलिस के पूर्व सिपाही सचिन वाज़े के द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दिए गए अपने बयान को वापस लेने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित सिपाही सचिन वाज़े पर लगातार दबाव बना रहे थे। वाज़े की के घरों और ठिकानों में तलाशी ली जा रही है, उसी के लिए दैनिक आधार पर उसके अपनो के और लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि इस हाई प्रोफाइल कथित 100 करोड़ रुपए मनी लॉन्ड्रिंग मामले की शुरुआत तब हुई थी जब साल 2021 के फरवरी में रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास जिलेटिन की छड़ों से लदी कार मिली थी। एंटीलिया मामले की जांच के क्रम में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंट यूनिट (सीआईयू) के प्रमुख एपीआई सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था।
सचिन वाजे ने पूछताछ में बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख सहित कुछ नेताओं ने गुटखा व्यापारियों से हर महीने 2-2 करोड़ रुपए वसूल करने की मांग की है। इस प्रकरण में मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली करने की मांग का आरोप लगाया था। ED इसके बाद से ही इस मामले में छानबीन कर रही है। इस मामले में सीबीआई भी साथ में कार्रवाई कर रही है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए बयान में सचिन वाज़े को पहचानने से भी इनकार किया था। साथ ही जैसा कि आरोप है, वैसे किसी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से भी इनकार किया है। अब जबकि सभी पक्ष प्रवर्तन निदेशालय के सामने आ चुके हैं, ऐसे में इस हाई प्रोफाइल प्रकरण में आगे क्या रिजल्ट आता है, यह देखने वाली बात होगी।