सियासत ने फिर उकसाया, शैक्षणिक संस्थान से ऐसी तस्वीरें आना दुर्भाग्यपूर्ण

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Posted On:Wednesday, February 9, 2022

नई दिल्ली, 9 फरवरी ( न्यूज हेल्पलाइन )      पहले कोविड की वजह से बच्चो की पढ़ाई में रुकावट आई अब हिजाब की वजह से पढ़ाई प्रभावित। शैक्षणिक संस्थान से ऐसी तस्वीरें आना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।कर्नाटक के उडुपी में सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद ठंडा नहीं हो रहा है।मंगलवार को इस विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया।विवाद इतना बढ़ा कि तीन दिन तक राज्य में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। विवाद इतना बढ़ गया है कि अलग अलग राजनैतिक दल की प्रतिक्रिया आने लगी है। कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर अब लालू प्रसाद यादव सहित कई नेताओं का बयान आया है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि देश गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है। इससे पहले प्रियंका गांधी,असदद्दुीन ओवैसी समेत कई राजनेता इसपर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। अलग-अलग प्रदेश के राजनेता इस मसले पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं।
 
31 दिसंबर 2021 : उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया. कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया।
 
- 19 जनवरी 2022 : कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं, उनके माता-पिता और अधिकारियों के साथ बैठक की।इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला।
 
- 26 जनवरी 2022 :  फिर बैठक हुई।उडुपी के विधायक रघुपति भट ने कहा कि जो छात्राएं बिना हिजाब के नहीं आ सकतीं, वो ऑनलाइन पढ़ाई करें।
 
- 27 जनवरी 2022 : छात्राओं ने ऑनलाइन क्लास अटेंड करने से मना किया।
 
- 2 फरवरी 2022 : उडुपी के ही कुंडापुर इलाके में स्थित सरकारी कॉलेज में भी हिजाब विवाद गर्माया।हिंदू छात्र और छात्राएं हिजाब के जवाब में भगवा गमछा पहनकर कॉलेज आए।
 
- 3 फरवरी 2022 : कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को रोका गया।
 
- 5 फरवरी 2022 : हिजाब पहनकर आ रही छात्राओं के समर्थन में राहुल गांधी उतरे।उन्होंने ट्वीट किया, हिजाब को शिक्षा के रास्ते में लाकर भारत की बेटियों का भविष्य छीना जा रहा है।
 
कर्नाटक में हिजाब पहनने को लेकर विवाद नया नहीं है. यहां पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2009 में बंटवाल के एसवीएस कॉलेज में ऐसा मामला सामने आया था।
 
- उसके बाद 2016 में बेल्लारे के डॉ. शिवराम करांत सरकारी कॉलेज में भी हिजाब को लेकर विवाद हुआ था. उसी साल श्रीनिवाल कॉलेज में भी विवाद हुआ था. 2018 में भी सेंट एग्नेस कॉलेज में बवाल हुआ था।
 
- जैसा आज उडुपी में हो रहा है, वैसा ही बेल्लारे में भी हुआ था. उस समय कई छात्रों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भगवा गमछा पहनकर प्रदर्शन किया था।
 
कर्नाटक में लागू कर दिया गया है ड्रेस कोड
 
- 5 फरवरी को राज्य सरकार ने कर्नाटक एजुकेशन एक्ट 1983 की धारा 133(2) को लागू कर दिया। इसके मुताबिक, सभी छात्र-छात्राओं को तय ड्रेस कोड पहनकर ही आना होगा।
 
- आदेश के मुताबिक, सभी सरकारी स्कूलों में तय ड्रेस कोड का पालन करना होगा। वहीं, निजी स्कूलों के स्टूडेंट्स को भी तय यूनिफॉर्म ही पहनकर आनी होगी।
 
- आदेश में ये भी कहा गया है कि अगर किसी स्कूल या कॉलेज में कोई ड्रेस कोड नहीं है तो स्टूडेंट्स ऐसे कपड़े पहनकर नहीं आ सकते जिससे सामुदायिक सौहार्द्र, समानता और शांति व्यवस्था को खतरा हो।


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