भोपाल, 08 मई । अखिल भारतीय इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस एप (आईआरएडी) प्रोजेक्ट के छह पायलट राज्यों में मध्य प्रदेश पुलिस का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। मध्य प्रदेश ने इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश पुलिस को इस उपलब्धि और प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं और बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि हाइवे के किस स्पॉट पर कितने हादसे हुए, कितनों की मौत हुई, कितने घायल हुए और हादसे की वजह क्या रही। इन सभी तथ्यों की जानकारी एक क्लिक पर मिले। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस एप (आईआरएडी) योजना लागू की है। प्रथम चरण में मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों- कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में प्रारंभ में यह शुरू है, क्योंकि इन राज्यों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या सर्वाधिक है।
योजना के तहत दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल एप पर विवरण दर्ज करती है। घटना के कारण प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, गति, फोटो, वीडियो आदि अपलोड किया जाता है। डाटा फीड होने के बाद संबंधित जानकारी स्वत: परिवहन, पीडब्लूडी, राष्ट्रीय राजमार्ग व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच जाती है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति तक मदद पहुंचाना आसान होता है। साथ ही दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु के कारणों की जांच कर उनमें कमी लाने का प्रयास भी किया जाना संभव होता है ।
इसे लेकर शनिवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पीटीआरआई) डीसी सागर ने बताया कि प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रियल टाइम डेटाबेस एंट्री के लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) एप प्रदेश में पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले प्रारंभ किया गया था। इसमें 11 लाइट हाउस जिलों को जोड़ा गया था। इस एप के जरिए सड़क दुर्घटनाओं के डेटाबेस के विश्लेषण से भविष्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की रणनीति बनाने एवं क्रियान्वित करने में सहयोग मिला। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) एप को शुरुआत में छह पॉयलट राज्य (उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश) में शुरू किया गया था।
सागर ने बताया कि मध्य प्रदेश में 47 जिलों में यह (आइआरएडी) एप क्रियाशील है, जिनमें जिला सागर और जबलपुर का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। जिला सागर एवं जबलपुर का सड़क दुर्घटनाओं का डाटा एंट्री क्रमशः 816 (13þ) एवं 801 (13þ) रहा है। उन्होंने कहा कि (आइआरएडी) एप के क्रियान्वयन में पुलिस विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण है।