ताजा खबर
मालिक का टाइटल ट्रैक राज करेगा मालिक हुआ रिलीज़!   ||    सरज़मीं का ट्रेलर रिलीज़ हुआ   ||    सलमान खान की पोस्ट में मचाई हलचल, क्या गलवान वैली का फर्स्ट लुक है   ||    अंशुला कपूर और रोहन ठक्कर की सगाई हुई   ||    रिद्धि कुमार का सपना: संजय लीला भंसाली की फिल्म में रेखा का किरदार निभाना चाहती हैं   ||    डोटासरा में दिखा रावण जैसा अहंकार? मंत्री झाबर सिंह खर्रा का तीखा हमला   ||    कैसी है 1312336 फीट ऊंचाई पर स्पेस स्टेशन में शुभांशु शुक्ला की लाइफ? खुद एस्ट्रोनॉट ने बताया   ||    कोविड नहीं तो क्यों आ रहे हार्ट अटैक? अब जीनोम स्टडी तलाशेगी सच, जानें इसके बारे में सब कुछ   ||    मुहर्रम में ताजिये को बनाने में कितना आता है खर्च? क्या हैं लंबाई को लेकर नए निर्देश   ||    कैसी है 1312336 फीट ऊंचाई पर स्पेस स्टेशन में शुभांशु शुक्ला की लाइफ? खुद एस्ट्रोनॉट ने बताया   ||    अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला ने ऐसे मनाई अपनी छुट्टी, जानें कैसा रहा ISS पर 7वां दिन   ||    दिल्ली में आंधी-तूफान की चेतावनी, बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बंद, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट   ||    अमेरिका दे भविष्य में हमला न करने की गारंटी, ईरान ने बातचीत के लिए रख दी शर्त   ||    ट्रंप के ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ से भारत को फायदा होगा या नुकसान? अमेरिकन संसद में हुआ पास   ||    यूक्रेन को बख्शने के मूड में नहीं रूस, पुतिन और ट्रंप के बीच जंग को लेकर जानें क्या बातचीत हुई?   ||    ईरान को अमेरिका का तगड़ा झटका, एक अरब डॉलर के तेल व्यापार पर लगा दिए नए प्रतिबंध   ||    अमेरिका में शिकागो में नाइट क्लब के बाहर जमा भीड़ पर चलाईं गोलियां, 4 की मौत और 14 घायल   ||    Fact Check: तस्वीर को टच करें और आपको मिलेगा कैशबैक, सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट हो रहे वायरल   ||    4 जुलाई का इतिहास: दुनिया और भारत में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Chandra Gochar: मन के दाता चंद्र ने रखा तुला राशि में कदम, इन 3 राशियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा   ||    +++ 
मालिक का टाइटल ट्रैक राज करेगा मालिक हुआ रिलीज़!   ||    सरज़मीं का ट्रेलर रिलीज़ हुआ   ||    सलमान खान की पोस्ट में मचाई हलचल, क्या गलवान वैली का फर्स्ट लुक है   ||    अंशुला कपूर और रोहन ठक्कर की सगाई हुई   ||    रिद्धि कुमार का सपना: संजय लीला भंसाली की फिल्म में रेखा का किरदार निभाना चाहती हैं   ||    डोटासरा में दिखा रावण जैसा अहंकार? मंत्री झाबर सिंह खर्रा का तीखा हमला   ||    कैसी है 1312336 फीट ऊंचाई पर स्पेस स्टेशन में शुभांशु शुक्ला की लाइफ? खुद एस्ट्रोनॉट ने बताया   ||    कोविड नहीं तो क्यों आ रहे हार्ट अटैक? अब जीनोम स्टडी तलाशेगी सच, जानें इसके बारे में सब कुछ   ||    मुहर्रम में ताजिये को बनाने में कितना आता है खर्च? क्या हैं लंबाई को लेकर नए निर्देश   ||    कैसी है 1312336 फीट ऊंचाई पर स्पेस स्टेशन में शुभांशु शुक्ला की लाइफ? खुद एस्ट्रोनॉट ने बताया   ||    अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला ने ऐसे मनाई अपनी छुट्टी, जानें कैसा रहा ISS पर 7वां दिन   ||    दिल्ली में आंधी-तूफान की चेतावनी, बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बंद, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट   ||    अमेरिका दे भविष्य में हमला न करने की गारंटी, ईरान ने बातचीत के लिए रख दी शर्त   ||    ट्रंप के ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ से भारत को फायदा होगा या नुकसान? अमेरिकन संसद में हुआ पास   ||    यूक्रेन को बख्शने के मूड में नहीं रूस, पुतिन और ट्रंप के बीच जंग को लेकर जानें क्या बातचीत हुई?   ||    ईरान को अमेरिका का तगड़ा झटका, एक अरब डॉलर के तेल व्यापार पर लगा दिए नए प्रतिबंध   ||    अमेरिका में शिकागो में नाइट क्लब के बाहर जमा भीड़ पर चलाईं गोलियां, 4 की मौत और 14 घायल   ||    Fact Check: तस्वीर को टच करें और आपको मिलेगा कैशबैक, सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट हो रहे वायरल   ||    4 जुलाई का इतिहास: दुनिया और भारत में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Chandra Gochar: मन के दाता चंद्र ने रखा तुला राशि में कदम, इन 3 राशियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा   ||    +++ 

राष्ट्रपति पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा उनके पास पूर्ण वीटो का अधिकार नहीं, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, April 12, 2025

मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने देश के राष्ट्रपति के लिए भी समय सीमा तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल की तरफ से भेजे गए बिल पर राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर फैसला लेना होगा। दरअसल, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के मामले में ऐतिहासिक फैसला लिया था। अदालत ने कहा था कि राज्यपाल को विधानसभा की ओर से भेजे गए बिल पर एक महीने के भीतर फैसला लेना होगा। इसी फैसले के दौरान अदालत ने राज्यपालों की ओर से राष्ट्रपति को भेजे गए बिल पर भी स्थिति स्पष्ट की। यह ऑर्डर 11 अप्रैल को सार्वजनिक किया गया। बसाइट पर अपलोड किए गए ऑर्डर में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 201 का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यपालों की ओर से भेजे गए बिल के मामले में राष्ट्रपति के पास पूर्ण वीटो या पॉकेट वीटो का अधिकार नहीं है। उनके फैसले की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है और न्यायपालिका बिल की संवैधानिकता का फैसला न्यायपालिका करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 201 कहता है कि जब विधानसभा किसी बिल को पास कर दे। उसे राज्यपाल के पास भेजा जाए और राज्यपाल उसे राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दे। इस स्थिति में राष्ट्रपति को बिल पर मंजूरी देनी होगी या फिर बताना होगा कि मंजूरी नहीं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 201 के तहत राष्ट्रपति का निर्णय की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है। अगर बिल में केंद्र सरकार के निर्णय को प्राथमिकता दी गई हो, तो कोर्ट मनमानी या दुर्भावना के आधार पर बिल की समीक्षा करेगा। अदालत ने कहा कि बिल में राज्य की कैबिनेट को प्राथमिकता दी गई हो और राज्यपाल ने विधेयक को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के विपरीत जाकर फैसला किया हो तो कोर्ट के पास बिल की कानूनी रूप से जांच करने का अधिकार होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब कोई समय-सीमा तय हो, तो वाजिब टाइम लाइन के भीतर फैसला करना चाहिए। राष्ट्रपति को बिल मिलने के 3 महीने के भीतर फैसला लेना अनिवार्य होगा। यदि देरी होती है, तो देरी के कारण बताने होंगे। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति किसी बिल को राज्य विधानसभा को संशोधन या पुनर्विचार के लिए वापस भेजते हैं। विधानसभा उसे फिर से पास करती है, तो राष्ट्रपति को उस बिल पर फाइनल डिसीजन लेना होगा और बार-बार बिल को लौटाने की प्रक्रिया रोकनी होगी।

वहीँ, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु गवर्नर और राज्य सरकार के मामले पर गवर्नर के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी थी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा था, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी बिलों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध भी बताया। कोर्ट ने कहा कि यह मनमाना कदम है और कानून के नजरिए से सही नहीं। राज्यपाल को राज्य की विधानसभा को मदद और सलाह देनी चाहिए थी। अदालत ने कहा था कि विधानसभा से पास बिल पर राज्यपाल एक महीने के भीतर कदम उठाएं। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार की तरफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी। इसमें कहा गया था कि राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य के जरूरी बिलों को रोककर रखा है। बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में काम कर चुके पूर्व IPS अधिकारी आरएन रवि ने 2021 में तमिलनाडु के राज्यपाल का पद संभाला था।


बीकानेर, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. bikanervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.