न्यूज हेल्पलाइन 22 मार्च नई दिल्ली, एसबीआई रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने के प्रस्ताव के साथ, भारत में अधिक महिलाएं उच्च शिक्षा हासिल करेंगी और करियर बनाएगी। नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2019 में भारत में विवाह की औसत आयु घटकर 22.1 वर्ष रह गई है। 2018 में यह 22.3 साल थी। सूत्रों ने कहा कि इस संदर्भ में एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर पांच में से एक महिला की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है। पश्चिम बंगाल में लगभग आधी महिलाओं की शादी 21 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। कामकाजी महिलाओं के मामले में भारत का स्थान विश्व में बहुत नीचे है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी केवल 20 प्रतिशत है। यह दर अफगानिस्तान की तुलना में थोड़ी अधिक है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड -19 लॉकडाउन का महिलाओं की श्रम भागीदारी पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। 2019-2020 में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी 10.7 प्रतिशत थी। हालांकि, अप्रैल 2020 में हुए लॉकडाउन की वजह से 13.9 फीसदी महिलाओं की नौकरी चली गई. नवंबर 2020 तक, अधिकांश पुरुषों ने अपनी नौकरी वापस पा ली थी, लेकिन महिलाएं इतनी भाग्यशाली नहीं थीं। नवंबर तक, नौकरी गंवाने वालों में 49 प्रतिशत महिलाएं थीं। हालाँकि, महिलाओं के पास नौकरी बहाली के बहुत कम अवसर थे।
देशत उच्च आय वर्ग के देशों में दर 44.5% है। भारत उनसे काफी नीचे है।पिछले दिसंबर में, केंद्र सरकार ने संसद में एक विधेयक पेश किया जिसमें महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव किया गया था। विपक्ष की आपत्तियों के बाद बिल को संसदीय समिति के पास भेज दिया गया है।
राज्य जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। पश्चिम बंगाल ५०%, बिहार ४०%, मध्य प्रदेश- ४३%, छत्तीसगड 38%, राजस्थान- ४०%, आंध्र प्रदेश- ३५%, भारत- ३८