नई दिल्ली, 29 नवंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) आज सोमवार 29 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। मॉनसून सत्र के हंगामे को देखते हुए इस बार के संसद के सत्र के भी हंगामेदार होने की संभावना है। आज शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि हम तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत करते हैं। हमने लखीमपुर खीरी घटना और बिजली बिल सहित आंदोलन के दौरान हुई कई घटनाओं पर चर्चा की मांग की। किसान अभी भी धरना स्थल पर मौजूद हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पर चर्चा हो। लेकिन लोकसभा में इस विधेयक को जल्दबाजी में पारित कर वे (सरकार) सिर्फ यह साबित करना चाहते हैं कि वे किसानों के पक्ष में हैं।
वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता एआर चौधरी ने कहा सदन को चलने नहीं देने के लिए सरकार हम पर आरोप लगाती है। लेकिन कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश किया गया और बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। विपक्ष ने इस पर चर्चा की मांग की थी। भले ही सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया हो, लेकिन उनके 'मन की बात' कुछ और है।