आरएसएस के संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा है कि 'भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है और सभी के पूर्वज एक ही हैं.' जी दरअसल हाल ही में उन्होंने कहा, 'आज यह कहा जा सकता है कि हर कोई अलग है, लेकिन विज्ञान कहता है कि हमारा डीएनए 40 हजार साल से एक जैसा है.' दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. जी हाँ और इस दौरान सरगुजा जिले के अंबिकापुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हम सभी के पूर्वज एक ही हैं. आज का विज्ञान डीएनए मैपिंग की बात करता है। आज हम जो भी महसूस करते हैं, आइए हम कहें कि हम अलग हैं। हम ऐसे हैं या वैसे हैं। लेकिन विज्ञान कहता है कि 40,000 साल पहले अखंड भारत, काबुल के पश्चिम से लेकर छिंदविन नदी के पूर्व तक और तिब्बत के उत्तर यानी चीन की तरफ ढलान से लेकर श्रीलंका के दक्षिण तक, उनका डीएनए 40,000 साल से एक ही है.'
साथ ही यहां उन्होंने यह भी कहा है कि संघ की स्थापना के समय से ही संघ कहता आ रहा है कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है. उन्होंने आगे कहा, 'हम 1925 से कहते आ रहे हैं कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है। जो लोग भारत को अपनी माता मानते हैं और विविधता में एकता की संस्कृति के साथ रहना चाहते हैं और इस दिशा में प्रयास करते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, संस्कृति, भाषा और खान-पान की आदतों और विचारधारा का पालन करते हों, वे हिंदू हैं।"
इसके साथ ही मोहन भागवत ने यह भी कहा है कि 'पूरे विश्व में हिंदू धर्म ही एक ऐसा विचार है जो विविधताओं को एक करने में विश्वास रखता है क्योंकि उसने इस देश में हजारों सालों से ऐसी विविधताओं को एक साथ रखा है. यह सच्चाई है और आपको इसे बोलना चाहिए। इसी आधार पर हम एक हो सकते हैं। हमारी संस्कृति हमें एक साथ बांधती है।' उन्होंने कहा, 'हम संकट की घड़ी में एक हो जाते हैं, चाहे आपस में कितना भी झगड़ा क्यों न हो जाए। जब देश संकट में होता है, हम एक साथ लड़ते हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौरान इससे निपटने के लिए पूरा देश एक साथ आया था.'
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'धर्म को मानने वाले को जबरदस्ती किसी दूसरे धर्म को मनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. धर्म, पहनावा और खान-पान कोई भी हो, लेकिन सब एक ही है।' इसी के साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदुत्व कोई संप्रदाय नहीं है, यह इस देश की पारंपरिक जीवन शैली है.'