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मानसून की बारिश गर्मी से राहत तो दिलाती है मगर बढ़ जाता है डिहाइड्रेशन का खतरा, आप भी जानें कैसे

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Posted On:Saturday, July 19, 2025

मुंबई, 19 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन) मानसून की बारिश गर्मी से राहत लेकर आती है, लेकिन डॉक्टर एक कम ज्ञात मौसमी खतरे की चेतावनी दे रहे हैं: छिपे हुए निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन)। मौसम ठंडा लग सकता है, लेकिन उच्च आर्द्रता शरीर की तापमान नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर सकती है, जिससे अत्यधिक पसीना आता है और अनजाने में तरल पदार्थ का नुकसान होता है।

आर्द्रता निर्जलीकरण का कारण कैसे बनती है?

गुरुग्राम स्थित पारस हेल्थ में इंटरनल मेडिसिन के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. राजेश कुमार बताते हैं, "मानसून के मौसम में उच्च आर्द्रता शरीर के लिए मध्यम तापमान के कारण अत्यधिक गर्मी को संभालना मुश्किल बना सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक पसीना आता है और अनजाने में तरल पदार्थ का नुकसान होता है।" "इससे निर्जलीकरण होता है - भले ही आपको प्यास न लगे।" वे आगे कहते हैं कि शुष्क मुँह, थकान, चक्कर आना, मांसपेशियों में ऐंठन और गहरे रंग का पेशाब जैसे लक्षण शुरुआती संकेत हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों में, जो अधिक संवेदनशील होते हैं।

मानसून में निर्जलीकरण को अक्सर क्यों नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है?

गर्मियों के विपरीत, जब प्यास ज़्यादा लगती है, मानसून में निर्जलीकरण अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाता है। पारस हेल्थ में इंटरनल मेडिसिन के एचओडी डॉ. आर.आर. दत्ता कहते हैं, "मौसम ठंडा होने के कारण लोग अक्सर तरल पदार्थों का सेवन नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन शरीर पसीने और पेशाब के ज़रिए पानी खोता रहता है।" "इसके लक्षण हल्के भी हो सकते हैं: सिरदर्द, कम ऊर्जा, या यहाँ तक कि मूड में बदलाव भी।"

मानसून के मौसम में हाइड्रेटेड कैसे रहें?

डॉक्टर सक्रिय रूप से पानी पीने की सलाह देते हैं, भले ही आपको प्यास न लगे। डॉ. कुमार कहते हैं, "स्वस्थ रहने के लिए, घर के अंदर भी, साफ़, फ़िल्टर किया हुआ पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी है।" वे कैफीन युक्त चाय, कॉफ़ी और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ये निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय, तरबूज, खीरा और खट्टे फल जैसे पानी से भरपूर फलों का सेवन करें। इसके अलावा, हल्के सूती कपड़े पहनें और शरीर में पानी बनाए रखने के लिए ठंडे पानी से नहाएँ।

दोनों डॉक्टर बरसात के मौसम में जलजनित संक्रमणों के बढ़ते जोखिम के कारण स्ट्रीट फ़ूड और खुले में मिलने वाले पेय पदार्थों से परहेज़ करने की सलाह देते हैं। डॉ. दत्ता कहती हैं, "सुनिश्चित करें कि आप केवल सुरक्षित, उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिएँ और बाहर का खाना, खासकर कटे हुए फल और सड़क किनारे मिलने वाले जूस से बचें।" घर का बना खाना खाना, साफ़-सफ़ाई बनाए रखना और पानी के स्तर पर नज़र रखना जैसी छोटी-छोटी आदतें मौसमी बीमारियों से बचाव में काफ़ी मददगार साबित हो सकती हैं।

जैसे-जैसे आसमान धुंधला होता है, अपनी पानी की बोतल पास रखें - हाइड्रेटेड रहना इस मौसम की सबसे ज़रूरी स्वास्थ्य आदत हो सकती है।


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