बीकानेर, 21 नवम्बर। गंगाशहर में घूमचक्कर परिसर में स्थित जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 175 वर्ष प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य का आज शुभारंभ हुआ।खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी की निश्रा में होने जा रहे इस जीर्णोद्धार के उपरांत बनने वाले नूतन मंदिर के शिखर के दर्शन गंगाशहर व लक्ष्मीनाथ घाटी से हर राहगीर को होंगे। हाल ही बने केदारनाथ महादेव मंदिर के पास बनने वाले इस जिनमंदिर की ऊंचाई लगभग 66 फीट होगी। मंदिर परिसर में ही प्रवचन हॉल, जैन साधु-साध्वियों के लिए उपासरा, धर्मशाला, भोजनशाला, दादा गुरुदेव पार्श्वचंद्रसूरीश्वर व विजय शांति विजय सूरिश्वरजी के गुरुमंदिर बनेंगे।
स्वर्गीय फौजराज बांठिया परिवार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रविवार को श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक पार्श्वचंद्र गच्छ के वरिष्ठ महोपाध्याय भुवनचन्द्र जी म.सा., साध्वी पद्मप्रभा श्री , सुव्रताश्री व मरुतप्रभा श्री के सान्निध्य में विधिकारक ने जैन आगमों के मंत्रोच्चारण से शिलाओं की प्रतिष्ठा करवाई। पूर्व में शांति स्नात्र, भूमि का शुद्धिकरण, पूजन, वास्तु,, नवग्रह, अष्टमंगल पूजन आदि का पूजन कर मकराना के सफेद संगमरमर की 11 शिलाओं को विधिविधान से प्रतिष्ठित किया गया। मुख्य स्तम्भ स्थापित किए गए ।