बीकानेर, 4 सितंबर 2021 कोरोना महामारी में जब लोगों को चिकित्सक स्वास्थ्य वर्धक खाना खाने की सलाह दे रहे थे, तब शहर के कुछ लोभी प्रवृत्ति के दुकानदार शहरवासियों को मिलावटी सामान बेचने में व्यस्त थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। मार्च 2020 से अगस्त 2021 तक स्वास्थ्य विभाग ने शहर के विभिन्न स्थानों से कुल 290 खाद्य पदार्थों के नमूने दुकानों से एकत्रित किए थे।
इसमें 67 नमूने खाद्य विभाग की प्रयोगशाला में फेल हो गए। फेल नमूनों में रोजमर्रा काम आने वाला घी, तेल, मसाले, दूध, मिठाई और मावे सहित अन्य खाद्य पदार्थ शामिल है। हैरान करने वाली बात यह है कि मार्च 2020 के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर लॉकडाउन लगना शुरू हो चुका था। ऐसे में शहरवासियों को न केवल घरेलू सामान खरीदने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें सामान की महंगी कीमत भी चुकानी पड़ी थी।
9 माह में 50 नमूने फेल
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने वर्ष 2020 में मार्च से दिसम्बर तक कुल 50 खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच की। हैरानी की बात यह थी कि जांच रिपोर्ट में 50 नमूने अमानक (फेल) पाए गए। जबकि इसी समयावधि में शहर के लोगों को कोरोना महामारी ने जकड़ रखा था। इसके बाद एक जनवरी 2021 से अगस्त तक खाद्य विभाग ने 125 खाद्य पदार्थों के नमूनों का संग्रहण किया। इसमें 67 खाद्य पदार्थों के नमूने अमानक पाए गए।
आठ दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में जिन खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट अमानक पाई गई, उनसे संबंधित आठ दुकानदारों के खिलाफ अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) ने पांच हजार रुपए से पचास हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी महमूद अली ने बताया कि आठ दुकानदारों से करीब 2.40 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया।