बीकानेर, 1 अक्टूबर 2021 रीट परीक्षा में चप्पल और सैनिटरी नैपकिन में डिवाइस छिपाकर नकल कराने वाले गिरोह का पुलिस पहले ही पर्दाफाश कर चुकी है। सरकारी नौकरी और लाखों रुपए का सपना देख रहे युवा भले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए, लेकिन उन्होंने नकल के लिए बहुत तरीके निकाल रखे थे। जांच में खुलासा हुआ है कि नकल कराने के लिए रीट अभ्यर्थियों का एग्जाम से पहले एक ट्रेनिंग सेशन हुआ था। ट्रेनिंग सेशन को आयोजित करने वाले युवक को गंगाशहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गुरुवार रात एक आरोपी राकेश को गिरफ्तार किया है, जो चप्पल गिरोह के मुख्य सरगना तुलसीराम कालेर का सबसे नजदीकी माना जा रहा है।
गंगाशहर चौधरी कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय राकेश पुत्र रेवंतराम जाट को गिरफ्तार किया गया है। राकेश मुख्य अभियुक्त तुलसीराम कालेर का साथी है। पुलिस का मानना है कि राकेश के घर पर ही नकल से जुड़ी गतिविधियां होती थीं। रीट परीक्षा से एक दिन पहले 25 सितंबर को राकेश ने एक बस किराए पर ली। इसी बस में करीब 15-20 परीक्षार्थियों को बैठाकर जयपुर रोड ले गया। जयपुर रोड पर तुलसीराम भी बस में सवार हो गया। इसी चलती बस के अंदर नकल करने की ट्रेनिंग दी गई। यहीं तुलसीराम ने परीक्षार्थियों को नकल वाली इलेक्ट्रॉनिक चप्पल और सैनिटरी नैपकिन में छिपाए जाने वाले डिवाइस की कार्यप्रणाली समझाते हुए पूरी प्लानिंग समझाई।
कालेर की गिरफ्तारी का प्रयास
पुलिस का मुख्य प्रयास सरगना तुलसीराम कालेर को गिरफ्तार करना ही है। उसके सभी गुर्गों को गिरफ्तार करके पुलिस उस पर शिकंजा कस रही है। यह भी जांच का विषय हो गया है कि जिन अभ्यर्थियों को पुलिस ने एग्जाम से पहले गिरफ्तार किया था, उसकी खबर किसी को नहीं दी गई। इसके बाद भी कालेर को भनक लग गई। वो फरार हो गया। किसी ने कालेर को इस कार्रवाई की सूचना दी है।
पुलिस कार्रवाई से अनभिज्ञ नहीं है
दरअसल, कालेर खुद पुलिस विभाग में नौकरी कर चुका है। ऐसे में उसे पुलिस की सभी गतिविधियों की जानकारी है। इसीलिए उसने कहीं भी अपना मोबाइल उपयोग में ही नहीं लिया। अभ्यर्थी को ही मोबाइल कालेर को देना था। अभ्यर्थी के नाम की सिम का ही उपयोग उसमें होना था। खुद कालेर के नाम से कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसके बाद भी पुलिस ने उसके नाम से नामजद मामला दर्ज किया है ताकि कार्रवाई हो सके।
पहले भी दर्ज हैं मामले
जेएनवीसी थाने में 2013-14 में कालेर के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। वर्तमान के मुकदमों सहित उसके खिलाफ कुल सात मुकदमे बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हर प्रतियोगी परीक्षा में हुई धांधली और नकल में कालेर की भूमिका हो सकती है। पुलिस चाणक्य इंस्टीट्यूट के मालिक तुलसीराम कालेर की तलाश कर रही है।