बीकानेर, 22 दिसम्बर। ग्राम सेवा संघ राजस्थान के द्वाराए राजस्थान सरकार के गोचर भूमि पर अतिक्रमण किए हुए लोगों को पट्टा जारी करने के विरोध में बुधवार को को प्रात: 11 बजे राजस्थान के प्रत्येक जिले में ज्ञापन दिये गए। उसी राज्यव्यापी आह्वान पर बीकानेर में भी जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया। संगठन के जिला संयोजक मालाराम सारस्वत ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 15 दिसंबर 2021 को कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया जिसके अंतर्गत राजस्थान के समस्त गोचर आदि भूमि पर कॉलोनियां बनाकर अथवा मकान बनाकर रह रहे अतिक्रमण को पट्टा जारी करेगी। यह सरासर गौ माता के अधिकार पर कुठाराघात है। राज्य सरकार गोचर को समाप्त करके पर्यावरण संतुलन बिगाड़ रही है इसके विरोध में गौ ग्राम सेवा संघ के आह्वान पर पूरे राजस्थान में आज 22 तारीख को ज्ञापन प्रेषित किए गये।
संघ के बलदेव दास भादानी ने बताया कि इस संकेतिक ज्ञापन में बीकानेर गौशाला संघए राष्ट्रीय गाय आंदोलन, भीनासर, गंगाशहर, सुजानदेसर, सरेनाथानिया गोचर संरक्षक समितियां, मां भारती सेवा प्रन्यास, सनातन धर्म प्रचारिणी सभा, भारतीय जन स्वाभिमान मंच, विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग आदि भी सम्मिलित हुए।
गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना ने बताया कि संविधान में पूर्ण रूप से गोचर और जोहड़, पायतान आदि भूमियों को सुरक्षित करने का प्रावधान है उसी विषय को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने 2006, 2011 व 2021 में गोचर, चारागाह आदि भूमियों को सुरक्षित रखने, उस पर किसी तरह का कोई निर्माण नहीं करने, उसे आवंटित नहीं करने, उस पर हुए कब्जों को हटाने का सख्त निर्णय दिया है और सरकारों ने उसकी पालना भी की है परंतु वर्तमान कांग्रेस सरकार अपने निजी स्वार्थ, मात्र वोटों की राजनीति के लिए यह गोचर आदि पर पट्टे काट के पर्यावरण और प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ रही है, इससे मात्र गाय के अधिकारों का ही हनन नहीं होगा, अपितु उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य वन्य जीव-जंतु जो प्राकृतिक रूप से स्वतंत्र रहना चाहते हैं उनके अधिकारों का हनन भी होगा।
राज्य सरकार को अपना गाय विरोधी व पर्यावरण विरोधी, जीव-जंतु विरोधी निर्णय तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा संघ को विवश होकर कड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। नीमराना ने बताया कि हमने आज यह सांकेतिक ज्ञापन दिया है 10 दिवस पश्चात धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और आमरण अनशन तक करके सरकार के इस गो विरोधी निर्णय को वापस लेने के लिए विवश करेंगे।
नीमराना ने कहा कि सरकार की इस घोषणा से राजस्थान के प्रत्येक गांव की गोचर आदि भूमि पर रातों-रात कब्जे होने प्रारंभ हो गए और लोगों ने फर्जी दस्तावेज भी तैयार करने शुरू कर दिये है इससे स्पष्ट है कि भविष्य में गोचर नाम की भूमि राजस्थान में नहीं रहेगी। अत: सरकार इस पर पुनर्विचार करें अन्यथा इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
बुधवार का यह ज्ञापन संघ के जिला संयोजक मालाराम सारस्वत के नेतृत्व में मनोज सेवक, बलदेव दास भादानी, सत्यनारायण स्वामी, कैलाश भीनासर, बंसी लाल गंगाशहर, विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग के लक्ष्मण उपाध्याय आदि के नेतृत्व में दिया गया। इस अवसर पर जसराम खलिया, विजय कोचर, पार्षद अनूप गहलोत, मनोज भाटी, निर्मल बरडिया, पुरुषोत्तम, चतरदान सींथल, अशोक उभा, महिपालसिंह पुन्दलसर आदि उपस्थित हुए।