बीकानेर, 18 अगस्त 2021 हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ से बीकानेर सीएमएचओ को राहत मिली है। डॉ. सुकुमार कश्यप को सीएमएचओ बीकानेर पद पर कार्य करते रहने के आदेश दिए गए हैं। दरअसल डॉक्टर ने अपने टेम्परेरी वर्किंग अरेंजमेंट पोस्टिग से संबंधित स्वास्थ्य विभाग के आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई के बाद डॉक्टर को बीकानेर सीएमएचओ के पद पर कार्य करते रहने के आदेश दिए गए।
याचिकाकर्ता डॉ. सुकुमार कश्यप की और से अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1989 से मेडिकल ऑफिसर पद पर नियुक्त हुआ था। करीब 30 वर्षो से चिकित्सक पद पर कार्यरत हैं। राज्य सरकार के नियमानुसार 20 वर्षों के अनुभवी चिकित्सक ही सीएमएचओ पद पर नियुक्त होने के लिए उपयुक्त है। जबकि डॉक्टर कश्यप को 30 वर्षो का अनुभव है।
वेतन CMHO पद से पोस्टिंग क्लर्क पद पर
चिकित्सा विभाग ने 30 दिसम्बर 2020 को सीएमएचओ नागौर से सीएमएचओ बीकानेर पदस्थापित किया था। याची 01 जनवरी 2021 से सीएमएचओ बीकानेर पद पर कार्यभार संभाला। उनका वेतन सीएमएचओ बीकानेर के पद से आहरित हो रहा है। लेकिन बिना किसी नियम के 21 मई से याची को पहले राजस्थान आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर में कार्य-व्यवस्थार्थ पदस्थापित कर दिया। फिर 16 जून को निदेशालय, जयपुर में कोविड-19 हेल्प डेस्क पर कार्य-व्यवस्थार्थ पदस्थापित कर दिया। जबकि हेल्प डेस्क पर केवल दो लिपिकों को ही पदस्थापित करने के राज्य सरकार के आदेश है। उक्त दोनों आदेशों को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
सुनवाई के दौरान पक्ष रखते हुए डॉक्टर के वकील ने कहा कि राजस्थान सेवा नियम RSR में कार्य-व्यवस्थार्थ पदस्थापन (वर्किंग अरेंजमेंट पोस्टिंग) का कोई प्रावधान नहीं होने के बाबजूद कार्य-व्यवस्थार्थ पदस्थापन करना गलत एवं अवैध है। याची की ओर से कार्य-व्यवस्थार्थ पदस्थापननहीं कर सकने बाबत हाईकोर्ट के पूर्व निर्णयों की ओर भी न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही उक्त स्थानांनतरण आदेशों को नियमों के भी विपरीत बताया। याची की ओर से बताया गया कि उसकी जगह असक्षम और निर्धारित न्यूनतम 20 वर्ष से कम अनुभव वाले चिकित्सा अधिकारी को पदस्थापित नहीं किया जा सकता है । इस पर हाईकोर्ट ने कार्य व्यवस्थार्त पदस्थापन को खारिज कर बीकानेर सीएमएचओ के पद पर कार्य करने के आदेश दिए।