बीकानेर, 3 सितंबर 2021 इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ऐसी तकनीकी इजाद की है जो ज्वलनशील और जहरीली गैस का आसानी से पता लगा लेगी। इसमें मीथेन, एलपीजी, सीएनजी, प्राेपेन, हाइड्राेजन जैसी गैस का पता चल सकेगा कि आपकी फैक्ट्री, घर, ऑफिस या कार में कहीं इन जहरीली गैसों का घटक बढ़ तो नहीं रहा।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के चौथे वर्ष में पढ़ने वाले स्टूडेंटस गिरीश कुमार जाट, अभिषेक कौशिक, मोहित छेतीजा एवं दीपेश वर्मा की टीम ये टेक्निक इजाद की है। टीम ने बताया कि गैस की मात्रा उपकरण में दिए गए लेवल से ज्यादा होते ही डिवाइस एक्टिव हो जाता है। इसमें लगे 2-जीजीएसएम माॅडयूल की मदद से किसी नंबर पर अलर्ट का मैसेज चला जाता है। साथ ही डिवाइस में लगी एलसीडी पर गैस की मात्रा और अलर्ट दिखेगा। आसपास के लोगों को सावधान करने के लिए इसमें एक साउंड अलार्म भी है। इस पूरे उपकरण आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। उपकरण का विद्युत खर्च एक साधारण मोबाइल के चार्जर जितना ही है।
डिवाइस की खास बात यह है कि कार्बोन मोनोऑक्साइड जैसी गैस जिसका कोई रंग नहीं होता एवं इस गैस की कोई गंध भी नहीं होती उसका भी पता लगा के अलर्ट भेज सकता है क्योंकि यह गैस काफी जहरीली होती है। इस यंत्र के निर्माण में तकनीकी सहायता देने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र भादू ने बताया कि इस उपकरण में लगे सेंसर अत्यधिक धुआं होने पर भी एक्टिव हो जाते हैं, जिससे आग लगने का अलर्ट भी मिल जाता है।
उपकरण का इतना है खर्चा
इलेक्ट्रिकल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास शर्मा में बताया कि डिवाइस का कुल खर्च तीन हज़ार रुपए से कम है एवं डिवाइस बिना किसी रखरखाव के लंबे समय तक चल सकता है। विद्युत विभाग के इस शोध पर ईसीबी के प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश भामू एवं जन सम्पर्क अधिकारी डॉ. नवीन शर्मा ने बधाई दी है।
इन इंडस्ट्रीज में है उपयोगिता
पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री, कार में उपयोग होने वाली सीएनजी गैस लीकेज, इलेक्ट्रिकल व्हीकल में गैस लीकेज, घर में एलपीजी सिलिंडर लीकेज, उर्वरक उद्योग, इलेक्ट्रो मैकेनिकल इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, बैटरी से चलने वाले वाहनाें में ये उपकरण उपयोगी रहेगा।