बीकानेर, 23 अगस्त 2021 सावन सुरंगा बीकानेर। ये कहावत पूरे शहर में चर्चित है लेकिन सावन के 29 दिन बीतने के बाद ये शब्द रविवार को तब साकार हुए जब बहनें भाइयाें की कलाई पर राखी बांधने के लिए उतावली थी। बादल भी सुबह से उमड़-घुमड़ रहे थे। सुबह आठ बजे से ही बूंदाबांदी शुरू हुई जाे करीब दाे घंटे तक टिप-टिप हाेती रही। उमस और गर्मी से परेशान लाेगाें काे राहत मिली।
रह-रहकर शाम तक 1.2 मिली लीटर बारिश हुई। आंकड़ाें में भले ही ज्यादा बारिश ना हाे लेकिन 41 डिग्री सेल्सियस पार कर चुके तापमान काे कंट्राेल करने के लिए ये बूंदें भी काफी थी। उमस और तपिश पर कुछ विराम जरूर लगेगा। लूणकरणसर के करीब एक दर्जन गांव में तेज बारिश हुई। गारबदेसर, कागासर, शेरपुरा, छटासर, राेझां, सहनीवाला, फूलदेसर समेत आसपास के कई गांवाें में तेज बारिश से किसानाें के भी चेहरे खिल उठे।
वाे इसलिए क्याेंकि खरीफ की जिन फसलाें की बिजाई हाे चुकी है उनकाे सिंचाई की जरूरत है। आसमान से गिरी प्रत्येक बूंद फसलाें के लिए जीवनदान देने वाली है। वह दीगर बात है बारिश अभी निर्धारित से 14 प्रतिशत कम है। 178 मिलीमीटर बारिश 22 अगस्त तक बीकानेर में हाेनी चाहिए थी जिसकी एवज में सिर्फ 152 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इस बीच रविवार काे अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 1.2 मिलीमीटर बारिश हुई।
आगे क्या : आने वाले 24 घंटे ताे बीकानेर में बूंदाबांदी के आसार हैं उसके बाद आसमान फिर से साफ हाे जाएगा। एक सप्ताह तक फिर बारिश की आस नहीं हाेगी क्याेंकि मानसून कमजाेर पड़ जाएगा। रविवार को हुई बूंदाबांदी की वजह छत्तीसगढ़ के ऊपर बने कम दबाव का क्षेत्र है। अब एक सप्ताह बाद फिर से बारिश की आस बंधेगी लेकिन बीकानेर के लिए वो अंतिम मौका होगा क्योंकि उसके बाद बीकानेर से मानसून की विदाई का समय भी शुरू हो जाएगा। पांच सितंबर के बाद बीकानेर से मानसून विदा होना शुरू हाे जाता है।