बीकानेर, 24 नवम्बर। सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए बीकानेर के नोखा के जवान तुलछाराम सियाग को हजारों नम आंखों ने श्रद्धांजलि दी। सुबह बीकानेर आर्मी एरिया से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। कई गांवों से होते हुए पैतृक गांव केड़ली पहुंची, जहां पहले से हजारों की संख्या में लोग हाथों में पुष्प व तिरंगा लिए इंतजार कर रहे थे। आज दोपहर ही उनकी पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई।
*केप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर आम लोगों ने दी श्रद्धाजंलि*
बता दें कि तुलछाराम ने सियाचिन ग्लेशियर में ही राष्ट्र सेवा करते हुए मिल्ट्री केंप में सोमवार को दम तोड़ दिया था। उसके बाद से उन्हें मिल्ट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मिल्ट्री हॉस्पिटल से सेना का विशेष दल उन्हें लेकर मंगलवार रात बीकानेर पहुंचा। यहां मिल्ट्री एरिया में स्थित अस्पताल की मोर्चरी में उनका शव रखा गया। बुधवार सुबह सेना के ट्रक में तिरंगे में लिपटा तुलछाराम का शव नोखा के केड़ली गांव के लिए रवाना किया गया। केप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर आम लोगों ने व पूर्व सैनिकों ने तुलछाराम को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जिस गांव से उनका काफिला निकला, वहीं पर पुष्प अर्पित करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
*जगह-जगह लोगों ने दी अंतिम विदाई*
जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल
बीकानेर से से नोखा कस्बे के केड़ली गांव तक जगह-जगह लोगों ने शहीद श्रद्धाजंलि देकर अंतिम विदाई दी। शहीद के काफिले में हजारों की संख्या में लोग शामिल थे। इस दौरान नोखा में पूर्व सांसद और पूर्व नेता प्रतिश रामेश्वर डूडी ने पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। वहीं केड़ली में उनके निवास पर नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल विधायक मोहनराम, नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई व आत्माराम तर्ड आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। वहीं शहीद तुलछाराम के घर के आगे हजारों लोग उपस्थित थे। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी। गांव के चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था। बीच-बीच में शहीद पत्नी व परिवारिक सदस्यों की सिसकियां सुनाई देती रही। यहां भी बड़ी संख्या में लोग भारत का झंडा हाथ में लिए शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े थे जिन्होंने तुलछाराम अमर रहे के उद्धोष लगाए।