बीकानेर, 21 अगस्त 2021 दो दिन के बीकानेर दौरे पर आए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शिकायतों का केंद्र ही बना दिया। हर कोई एक-दूसरे की इतनी शिकायत करते रहे कि खुद अरुण सिंह ही झल्ला गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुझे सब की शिकायतें मिल गई है, इसलिए शिकायत कम और बूथ लेवल पर काम ज्यादा करने की जरूरत है। शनिवार को सबसे ज्यादा शिकायत जिसकी दर्ज हुई, वो शहर भाजपा के अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह है। सांसद अर्जुनराम मेघवाल के घर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिले प्रतिनिधि मंडल ने बकायदा तीन पेज का एक पत्र अरुण सिंह को सौंपा है।
शनिवार सुबह पहले तो यूआईटी के पूर्व चैयरमेन रहे महावीर रांका के पोस्टर को लेकर चर्चा होती रही तो बाद में शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के बारे में। रांका के पोस्टर में सांसद और बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारी का फोटो नहीं होने विवाद का विषय था। वहीं शहर भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर ही कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े कर दिए। शहर भाजपा के 27 कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में कहा गया है कि पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश प्रताप सिंह ने बीकानेर पूर्व और पश्चिम के विधायकों का विरोध किया था। इसके बाद भी उन्हें शहर अध्यक्ष बना दिया गया। वर्ष 2004 में नगर परिषद् सभापति रहते हुए नब्बे परसेंट पार्टी पार्षद ही अखिलेश के खिलाफ थे। ऐसे में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और कांग्रेस से सभापति बनाये गए। भाजपा को बहुमत होते हुए भी सभापति पद नहीं मिल पाया था। आरोप है कि शहर संगठन को चार पांच लोग ही मिलकर चला रहे हैँ और पार्टी को तोड़ा जा रहा है।
मेरे पास आ गई शिकायत
शहर भाजपा अध्यक्ष को शिकायत करने गए दल ने जब शिकायतें दिखानी शुरू की तो प्रदेश प्रभारी ने कहा कि उनके पास सब शिकायतें पहले ही आ चुकी है। वो पोस्टर व शहर अध्यक्ष की शिकायत से नेतृत्व को अवगत करा देंगे। ये शिकायत केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से की गई।
इन नेताओं के हस्ताक्षर
शहर अध्यक्ष की शिकायत करने वाले नेताओं में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष जे.पी. व्यास, बाबूलाल गहलोत, पुखराज सोनी, किसन चौधरी, राजेंद्र शर्मा, फारुख पठान सहित कई नेता शामिल थे।