बीकानेर, 26 अगस्त 2021 इस बार मानसून ने पूर्वी राजस्थान को तो हराभरा कर दिया, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के लंबे-चौड़े हिस्से में अकाल जैसे हालात कर दिए हैं। पूर्वी राजस्थान में अच्छी बारिश के बावजूद बुआई का लक्ष्य सौ परसेंट तक नहीं पहुंच पाया है। सिर्फ छह जिलों में ही बुआई का लक्ष्य पूरा हो पाया है। शेष 27 जिलों में स्थिति खराब है। जहां अच्छी बुआई हुई है, वहां बाढ़ और अत्याधिक बारिश के कारण फसल खराब हुई है।
इस बार राजस्थान के 33 में से 27 जिलों में बुआई का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया है। सिर्फ नागौर, अलवर, करौली, बारां, उदयपुर व प्रतापगढ़ में ही बुआई का लक्ष्य पूरा हो पाया है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 27 जिलों में 17 अगस्त तक बुआई का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। आमतौर पर इस सीजन में किसान खेत में मोठ बाजरा, ग्वार, मूंग, मूंगफली और कपास की बुआई करते हैं। इस बार भी जुलाई में बुआई का सिलसिला शुरू हो गया था, जो महीने के अंत तक चला। राजस्थान के कई हिस्सों में हुई अच्छी बारिश के बाद किसान को बीकानेर में मानसून के बरसने की उम्मीद थी। प्रति बीघा करीब दो हजार रुपए खर्च करके किसानों ने बुआई कर दी, लेकिन फल के रूप में कुछ नहीं मिला। कई किसानों ने पच्चीस बीघा तक की बुआई कर दी। यानी करीब पचास हजार रुपए खर्च कर दिए, लेकिन मिला कुछ नहीं।
नलकूपों में पानी नहीं
बारिश नहीं होने के कारण सिचिंत क्षेत्र में पानी का लेवल नीचे जाने से नलकुपों (ट्यूबवेल) में पानी की कमी आ गई है। किसान को बिजली कटौती का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसे में अब ट्यूबवेल वाले खेतों में भी हालात खराब हैं।
इन जिलों में भी संकट
बारिश नहीं होने से बीकानेर के अलावा जैसलमेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, जोधपुर में किसान संकट में है। इन सभी एरिया में इस बार अच्छे मानसून की उम्मीद थी। पहले दौर में मानसून ने यहां प्रभावी आगाज किया, लेकिन बाद में बारिश नहीं हुई। यहां तक कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में भी कम बारिश का असर खेतों में नजर आ रहा है।
बीकानेर के इन गांवों में हालात खराब
बीकानेर के लूणकरणसर के खोखराणा, बीरमाना, कंकरालिया, लालेरा, रेख मेघाणा, भीखनेरा, खिलेरियां, डेलाणा सहित 70 प्रतिशत बारानी गांवों में 100 प्रतिशत फसल खराब हो गई। नहरी क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण लूणकरणसर क्षेत्र में 50 प्रतिशत खराब हो गई है। अगर 10-15 दिन में बारिश नहीं हुई और नहरी क्षेत्र में 10-15 दिनों में नहर से पानी नहीं मिला तो 100 प्रतिशत फसल खराब हो जाएगी। खाजूवाला जैसे सिंचित एरिया के कई गांवों भी फसल बिल्कुल नहीं है। पूगल में भी कमोबेश ऐसे ही हालात हो रहे हैं, जहां पिछले दिनों कुछ पानी मिला है। श्रीकोलायत, नोखा और बीकानेर तहसील के बारानी खेतों में दूर-दूर तक फसल नहीं है।