वेटरनरी विवि में एक दिवसीय किसान एवं पशुपालक मेले का हुवा आयोजन

Photo Source :

Posted On:Friday, December 24, 2021

बीकानेर 24 दिसम्बर। राजस्थान पशु विज्ञान एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा एक दिवसीय किसान एवं पशुपालक मेले का शुभारंभ आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री गोविन्दराम मेघवाल द्वारा शुक्रवार को किया गया। मेले में 43 प्रदर्शनी स्टॉल्स में पशुपालन, कृषि, आई.सी.ए.आर. के 5 अनुसंधान संस्थानों सहित अन्य विभागों द्वारा कृषि और अन्नत पशुपालन तकनीकों के मॉडल, फ्लैक्स और प्रचार-प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया गया। पदेन परियोजना निदेशक आत्मा के सहयोग से बीकानेर के 9 ब्लॉक के किसानों ने मेले में शिरकत की। वेटरनरी विश्वविद्यालय के फैकल्टी हाउस मैदान में समारोह के मुख्य अतिथि आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के मंत्री श्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि मेले और प्रदर्शनी के आयोजन से किसान, पशुपालक और उद्यमियों को नवीन योजनाओं और उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों को सीखने का एक बेहतरीन अवसर मिला है। श्री मेघवाल ने बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों और पशुपालकों से आग्रह किया कि वे नवीन तकनीकें अपना कर आजीविका को अधिक सुगम और लाभकारी बना सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों से निरंतर सम्पर्क और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाकर घर परिवार के भविष्य को भली प्रकार संवार सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनेक लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू करके आम जन को राहत पहुंचाई है। खेती और पशुपालन में मेहनत और अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ने के विपुल अवसर उपलब्ध होते हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री ने वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा पूरे राज्य में किसान और पशुपालकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अत्यंत उपयोगी बताते हुए गांव-ढाणी तक पहुंचाने का आह्वान किया। 
समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति और राज्यपाल सलाहकार मण्डल के सदस्य डॉ. ए.के. गहलोत ने कहा कि राजस्थान एक पशुधन प्रधान राज्य है। राजस्थान ऊन, दूध, अण्डे और मीट उत्पादन में देश का एक अग्रणी राज्य है। यहां से प्रतिदिन 50 हजार भेड़ें अन्य राज्यों को भेजी जाती हैं। किसान और पशुपालक वैज्ञानिक नवाचारों से उत्पादन बढ़ाकर अपनी आजीविका को अधिक समृद्ध बना सकते हैं। 
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने 16 पशु विज्ञान केन्द्रों, 9 पशुधन अनुसंधान केन्द्रों, कृषि विज्ञान केन्द्र और तीन संघटक महाविद्यालयों के मार्फत पशुपालन की नवीन तकनीकों और उन्नत पशुपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके राज्य में पशुपालन सेक्टर को सुद्दढ़ बनाने के काम में जुटा हुआ है। प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव-ढाणी स्तर पर भी आयोजित किए जाते हैं। भविष्य में विश्वविद्यालय इस तरह के मेलों का आयोजन अन्य जिलों में भी करेगा। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. सिंह और राजुवास के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एस.सी. गोस्वामी ने विश्वविद्यालय द्वारा भेड़, बकरी, देशी-गौवंश के कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी दी। अतिथियों ने प्रसार शिक्षा में राजुवास के बढ़ते कदम फोल्डर और एक प्रशिक्षण संदर्शिका-उन्नत बकरी पालन और प्रबंधन का लोकार्पण किया। मेले के संयोजक और राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बताया की प्रदर्शनी स्टॉल में वेटरनरी विश्वविद्यालय के 15 विभिन्न विभागों की पशुपालन तकनीकों, पोल्ट्री की प्रजातियों का सजीव प्रदर्शन किया गया। राज्य के पशुपालक, कृषि विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग, उरमूल डेयरी, इफ्को, नाबार्ड, केन्द्रीय शुष्क बागवानी, भेड़ एवं ऊन अनुसंधान, उष्ट्र एवं अश्व अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय अर्द्ध शुष्क अनुसंधान संस्थान, टिड्डी विभाग, कृषि विश्वविद्यालय, मोदी डेयरी ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। केन्द्रीय अनुसंधान संस्थानों के निदेशक, वैज्ञानिक प्रो. यशपाल शर्मा, डॉ. ए.साहू नाबार्ड के रमेश ताम्बी सहित वेटरनरी विश्वविद्यालय के निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रतिष्ठा शर्मा ने किया। इस मेले का विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर लाईव प्रसारण किया गया।


बीकानेर, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. bikanervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.