Pakistan, 20 Jan (News Helpline) पाकिस्तान की एक अदालत ने एक महिला को अपने दोस्त को 'ईशनिंदा संदेश' भेजने के लिए मौत की सजा सुनाई। 2020 में फारूक हसनत द्वारा उसके खिलाफ शिकायत दर्ज किए जाने के बाद बुधवार को रावलपिंडी की एक अदालत ने महिला अनिका अतीक को दोषी पाया।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बुधवार को बताया कि अनिका अतीक पर पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा करने, इस्लाम का अपमान करने और साइबर अपराध कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अनिका और फारूक दोस्त थे लेकिन आखिरकार दोनों के बीच मतभेद हो गए, जिसके बाद अनिका ने उन्हें व्हाट्सएप पर 'ईशनिंदा' संदेश भेजे।
द गार्जियन ने बताया कि आरोप लगाने वाले ने आरोप लगाया कि अनिका ने उसे पवित्र नबियों के ईशनिंदा वाले कार्टून भेजे और व्हाट्सएप पर "पवित्र व्यक्तियों" के बारे में टिप्पणी की। उसने उस पर ईशनिंदा कंटेंट को अन्य खातों में प्रसारित करने के लिए अपने फेसबुक अकाउंट का उपयोग करने का भी आरोप लगाया।
फारूक ने अनिका से मैसेज डिलीट करने और अपनी हरकत के लिए सॉरी बोलने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। नतीजतन, फारूक ने उसके खिलाफ संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई। जांच शुरू की गई और मामला दर्ज किया गया। बाद में, अनिका को आगे की जांच के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अनिका ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत की सुनवाई के दौरान, उसने कहा कि उसका मानना है कि "शिकायतकर्ता ने जानबूझकर उसे एक धार्मिक चर्चा में घसीटा ताकि वह सबूत इकट्ठा कर सके और उसके साथ दोस्ती करने से इनकार करने के बाद बदला ले सके"।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून पूर्व सैन्य तानाशाह जियाउल हक ने 1980 के दशक में बनाए थे।
इन कानूनों के तहत किसी को भी फांसी नहीं दी गई है, लेकिन ईशनिंदा करने के संदेह में कई लोग मारे गए हैं।
पिछले साल, सियालकोट शहर में एक कारखाने में मैनेजर के रूप में काम करने वाले एक श्रीलंकाई व्यक्ति को ईशनिंदा का आरोप लगाने के बाद भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था।