अमेरिका की पूर्व गवर्नर और रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख नेता निक्की हेली ने भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का जोरदार विरोध किया है। उन्होंने अपने लेख में इस कदम को “रणनीतिक आपदा” करार देते हुए कहा कि भारत को चीन जैसे दुश्मन की तरह नहीं, बल्कि एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक व्यापारिक साझेदार के रूप में देखा जाना चाहिए। निक्की हेली ने यह स्पष्ट किया कि भारत के साथ सही नीति अपनाना अमेरिका के क्षेत्रीय हितों के लिए बहुत जरूरी है।
टैरिफ लगाने को बताया गलत और असमान
निक्की हेली ने अपनी आलोचना में कहा कि जबकि चीन रूस से तेल खरीद रहा है और अमेरिकी सरकार ने उस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है, भारत पर टैरिफ लगाकर उस पर आर्थिक दबाव डाला जा रहा है। यह असमान व्यवहार न केवल भारत-अमेरिका संबंधों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह चीन के प्रभाव को बढ़ाने का अवसर भी दे सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अमेरिकी प्रशासन इस असमान नीति को नहीं बदलेगा, तो इससे एशिया में चीन का दबदबा और मजबूत होगा।
निक्की हेली ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 25 साल पुरानी साझेदारी को खराब करना एक गंभीर रणनीतिक गलती होगी, जिससे दोनों देशों को नुकसान होगा।
भारत और अमेरिका दोनों को दी नसीहत
निक्की हेली ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है और वह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वे यह भी बताती हैं कि भारत की आर्थिक उन्नति चीन के लिए चुनौती बन सकती है। इसलिए भारत और अमेरिका दोनों के हित में है कि वे अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करें और टैरिफ विवाद का जल्द से जल्द समाधान निकालें।
उन्होंने भारत को सलाह दी कि वह अमेरिका के साथ संवाद बनाए रखे और समझौते की दिशा में कदम बढ़ाए। वहीं, उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री मोदी से जल्दी संपर्क करें और भारत के साथ खराब होते संबंधों को सुधारें, ताकि दोनों देशों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत पेनल्टी टैरिफ
पिछले महीने अमेरिकी सरकार ने भारत पर एक के बाद एक टैरिफ बढ़ाए हैं। 1 अगस्त 2025 को भारत से आयातित सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था, जिसके छह दिन बाद यानी 6 अगस्त को 25 प्रतिशत अतिरिक्त पेनल्टी टैरिफ लगाया गया। अब कुल मिलाकर भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
यह टैरिफ खास तौर पर उन सामानों पर लगेगा, जिनका भारत से अमेरिका में निर्यात होता है। हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इस पेनल्टी टैरिफ के दायरे से बाहर रखे गए हैं।
टैरिफ लगाने का मुख्य कारण भारत द्वारा रूस से तेल और रक्षा उपकरण खरीदना बताया जा रहा है। अमेरिका रूस पर यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत भारत पर आर्थिक दबाव डाल रहा है, ताकि भारत रूस के साथ संबंध कम करे।
निष्कर्ष
निक्की हेली का यह विरोध न केवल भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अमेरिकी भीतर भी भारत के साथ मजबूत सहयोग की जरूरत महसूस की जा रही है। अमेरिका के लिए भारत न केवल एक बड़ा आर्थिक बाजार है, बल्कि रणनीतिक तौर पर भी वह चीन के प्रभाव को रोकने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में दोनों देशों को आपसी मतभेदों को दूर करके सहयोग को बढ़ाना होगा, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास दोनों को बढ़ावा मिल सके।