इस्लामाबाद/रावलपिंडी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा और सलामती को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है, जिससे उनके परिजन और समर्थक बेहद चिंतित हैं। इमरान खान के दोनों बेटों—कासिम और सुलेमान—ने एक चौंकाने वाला सवाल उठाया है: "हमारे पिता इमरान खान ज़िंदा हैं या नहीं?" उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि डेथ सेल में कुछ ऐसा हुआ है, जिसे छिपाया जा रहा है। इस गंभीर तनाव के बीच, रावलपिंडी में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू कर दी गई है। जिस आदियाला जेल में इमरान खान कैद हैं, उस तक जाने वाले सभी मुख्य मार्गों को सील कर दिया गया है और जेल के बाहर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शन की आशंका में 'लॉकडाउन'
रावलपिंडी में 'लॉकडाउन' जैसी स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि आज मंगलवार को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जेल के बाहर एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। उनकी बहनों द्वारा भी जेल के बाहर धरने का ऐलान किया गया है, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। जेल के बाहर 700 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। टकराव की किसी भी संभावना को टालने के लिए सड़कें और चेकपॉइंट्स बंद कर दिए गए हैं, और पुलिस ने कई अतिरिक्त चौकियाँ (चेकपोस्ट) स्थापित की हैं। पिछली बार हुए प्रदर्शनों में टकराव की स्थिति को देखते हुए इस बार प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता।
बेटों को सता रहा अनहोनी का डर
इमरान खान के बेटों—कासिम और सुलेमान—को अपने पिता की सलामती को लेकर गहरा डर सता रहा है। उन्हें पिछले लगभग एक महीने से अपने पिता से मिलने या फोन पर बात करने की अनुमति नहीं मिली है। इस चुप्पी और सूचना के अभाव ने उन्हें यह मानने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं उनके पिता के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार और सेना कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रही है। बेटों ने कहा है कि पिता के ज़िंदा होने या न होने, घायल होने या सुरक्षित होने का पता न चलना उनके लिए 'मानसिक यातना (मेंटल टॉर्चर)' जैसा महसूस हो रहा है।
पहली पत्नी जेमिमा ने उठाया अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर सवाल
इमरान खान की पहली पत्नी और कासिम-सुलेमान की मां जेमिमा गोल्डस्मिथ भी उनके समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा कि इमरान खान को लगभग एक महीने से सेना द्वारा 'अज्ञातवास' (Incommunicado) में रखे जाने के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय खामोश क्यों है? इससे पहले, जेमिमा ने चिंता व्यक्त की थी कि अदालत द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद, उनके बेटों को इमरान खान से मिलने नहीं दिया जा रहा है और न ही फोन पर बात कराई जा रही है।
अगस्त 2023 से जेल में हैं खान
गौरतलब है कि इमरान खान अगस्त 2023 से, यानी करीब 845 दिनों से, सेना की गिरफ्त में हैं और पिछले 6 हफ्तों से वह डेथ सेल में अकेले बंद हैं। उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर बना यह सस्पेंस पाकिस्तान में राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा है। एक महीने से अधिक समय से परिजनों और बेटों को उनसे मिलने या बात करने नहीं दिया गया है, जिसके कारण उनके परिजन और पार्टी सदस्य लगातार सरकार और सेना से उनकी सलामती का पुख्ता सबूत मांग रहे हैं।