ईरान की प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को हाल ही में एक बार फिर ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। 53 वर्षीय मोहम्मदी को शुक्रवार को मशहद में एक दिवंगत मानवाधिकार वकील खोसरो अलिकोरदी की स्मृति सभा में शामिल होने के दौरान हिंसक तरीके से हिरासत में लिया गया।
अस्थाई रिहाई के दौरान गिरफ्तारी
मोहम्मदी, जिन्हें वर्ष 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, दिसंबर 2024 से चिकित्सा कारणों (मेडिकल ग्राउंड) के आधार पर अस्थाई रिहाई पर थीं। यह रिहाई शुरू में तीन सप्ताह के लिए थी, लेकिन उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण यह कई महीनों तक चलती रही। डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि दिल के दौरे, बड़ी सर्जरी और पिछले साल के अंत में हड्डी में गांठ पाए जाने के इतिहास को देखते हुए उन्हें दोबारा जेल भेजना उनके जीवन के लिए ख़तरा हो सकता है।
पेरिस स्थित फाउंडेशन (फाउंडेशन ने उनके भाई मेहदी का हवाला दिया) ने पुष्टि की है कि सुरक्षा और पुलिस बलों ने उन्हें हिंसक तरीके से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी का कारण: स्मृति सभा में उपस्थिति
मोहम्मदी को ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहद में गिरफ्तार किया गया। उनकी फाउंडेशन ने बताया कि गिरफ्तारी तब हुई जब वह खोसरो अलिकोरदी के सम्मान में आयोजित एक समारोह में शामिल होने गई थीं। खोसरो अलिकोरदी एक मानवाधिकार वकील थे जो हाल ही में अपने कार्यालय में मृत पाए गए थे।
मोहम्मदी के समर्थकों द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, उन्हें सभा को संबोधित करते हुए और भीड़ से नारे लगवाते हुए देखा गया। इस दौरान वह बिना हिजाब के थीं, जो ईरान के सख्त नियमों का उल्लंघन माना जाता है और यह उनकी गिरफ्तारी का एक संभावित कारण हो सकता है।
हालांकि, उनकी फाउंडेशन ने गिरफ्तारी के समय और हालातों की जानकारी दी है, लेकिन ईरानी अधिकारियों द्वारा उनकी गिरफ्तारी के आधिकारिक कारणों पर कोई बयान सामने नहीं आया है।
जेल में 36 साल, 13 बार कैद
नरगिस मोहम्मदी का जीवन ईरान में मानवाधिकारों और महिला अधिकारों की लड़ाई को समर्पित रहा है। उन्होंने अपने जीवन के लगभग 36 साल जेल में बिताए हैं। उन्हें अब तक पाँच बार दोषी ठहराया जा चुका है और 13 बार जेल भेजा गया है।
उनकी पिछली कैद 2021 में शुरू हुई थी, और यह संयोग की बात है कि उनकी उस गिरफ्तारी का कारण भी एक अन्य स्मृति सभा में उनकी उपस्थिति थी।
कमज़ोर स्वास्थ्य और जेल के कड़े अनुभवों के बावजूद, मोहम्मदी देश में लगातार सक्रिय रही हैं। वह विभिन्न प्रदर्शनों में शामिल होती रही हैं, यहाँ तक कि तेहरान की एविन जेल के बाहर भी उन्होंने प्रदर्शन किए थे, जहाँ उन्हें पहले रखा गया था।
उनकी हालिया और हिंसक गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और नोबेल समिति के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उनकी जान को जोखिम में डालता है। उनकी रिहाई के लिए अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ने की संभावना है।