यूरोप में कोविड का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में जर्मनी को मजबूरन देश भर में आपातकाल की स्थिति में प्रवेश करना पड़ रहा है. बता दें कि देश में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.
रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के प्रमुख लोथर वीलर के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में अब नियमित चिकित्सा सहायता मिलने की गारंटी ना होने की बात कही है क्योंकि चिकित्सा कर्मचारियों और सुविधाओं बहुत ज्यादा बोझ बढ़ गया है. रिपोर्ट्स यह भी है कि जर्मन वायु सेना भी किसी भी स्थानांतरण की आवश्यकता होने पर मरीजों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रही है.
मीडिया से बात करते हुए, वीलर ने कहा, "पूरा जर्मनी एक बड़े प्रकोप में है. यह एक राष्ट्रव्यापी आपातकाल की स्थिति है. हमें आपातकालीन ब्रेक की जरूरत है." देश में शुक्रवार को 50,000 से अधिक मामलों और 201 मौतों की रिपोर्ट के बाद वीलर ने अतिरिक्त कोविड -19 से निपटने के उपायों का भी आह्वान किया है.
कई राज्य अस्पतालों में वायरस के प्रसार को कम करने के लिए चिकित्सा कर्मचारियों और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य टीकाकरण पर विचार कर रहे हैं. 1,00,000 से अधिक रोगियों वाले अस्पतालों पर नज़र रखने और उनकी सीमा में सुधार करने की भी चर्चा है.
जर्मनी ही सिर्फ नहीं बल्कि नीदरलैंड ने भी पिछले हफ्ते कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के कारण आंशिक रूप से लॉकडाउन की थी. ऑस्ट्रिया में भी तेजी देखी जा रही है और सोमवार से देश भर में लॉकडाउन की घोषणा करने की संभावना है.