मुंबई, 4 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दुनिया में कई अजीबो गरीब बीमारियां सामने आने लगी है। बीते कई सालो से लोगो को कई अजीब बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। तो वही इन दिनों इराक में नाेज ब्लीड फीवर, यानी क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार के 111 मामले सामने आए हैं। इससे 19 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दूसरी रिपोर्ट्स के मुताबिक नोज ब्लीड फीवर से पीड़ित हर 5 में से 2 लोगों की मौत हो जाती है। मवेशियों और पालतू पशुओं के शरीर पर रहने वाले कीटों (टिक्स) के इंसानों को काटने से ये फैलाता है। वायरस जनित इस रोग की अभी कोई वैक्सीन नहीं है। हालांकि, अभी तक भारत में इसके मामले की पहचान नहीं की गई है, लेकिन इससे प्रभावित देशों की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
संक्रमित होने के बाद व्यक्ति में लक्षण दिखने में करीब 3 दिन का समय लगता है। इसका संक्रमण 13 दिन तक रह सकता है। संक्रमित के शरीर पर लाल दाने उभर आते हैं। लक्षण में सिर दर्द, नाक से खून, तेज बुखार, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, पेट दर्द और उल्टी शामिल हैं। मुख्य रूप से पशुओं में टिक के काटने से लोग संक्रमित होते हैं। मवेशियों को पालने वाले लाेग और जिनके घरों में पालतू पशु होते हें, उन्हें संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। संक्रमित के खांसने और छींकने या खून से भी ये संक्रमण दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। टिक्स (काटने वाले कीड़ों) वाली जगहों पर जाने से बचें। खुली जगहों जैसे- पेड़ के नीचे या बगीचे में न सोएं। आसपास जानवर होने पर कपड़ों को हमेशा झाड़कर पहनें। पालतू जानवरों की साफ-सफाई समय-समय पर करते रहें, जिससे उनके शरीर में टिक्स न पड़ें।
इस बीमारी से संक्रमित की नाक से खून भी आता है, जिसकी वजह से इसे ‘नोज ब्लीड फीवर’ भी कहते हैं। ये जूनोटिक (पशु) बीमारी है। वायरस लोगों में या तो टिक के काटने से या जानवरों को काटने के दौरान संक्रमित जानवरों के रक्त या ऊतकों के संपर्क के माध्यम से फैलता है।