ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की सरकार के पास टीएलपी के सामने झुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. जी हां, प्रतिबंधित इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के साथ गतिरोध से बचने के लिए इमरान खान सरकार ने समूह के 350 कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है.
बता दें कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने इस्लामाबाद तक "लॉन्ग मार्च" निकालने की धमकी दी थी.
टीएलपी के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में एक सरकारी टीम का नेतृत्व करने के बाद आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने ट्वीट किया, "हमने अब तक 350 टीएलपी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है और हम अभी भी टीएलपी के निर्णय के अनुसार मुरीदके की सड़क के दोनों किनारों को खोलने का इंतजार कर रहे हैं."
पाकिस्तान के मंत्री राशिद ने कहा कि सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि वह जेल में बंद टीएलपी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने की योजना पर काम कर रही है.
पाकिस्तान के जाने माने अखबार डॉन ने टीएलपी कार्यकर्ताओं को रिहा करने के सरकार के फैसले को "हिंसक प्रदर्शनकारियों के सामने एक और पूर्ण आत्मसमर्पण" के रूप में बताया है.