स्पुतनिक ने रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के हवाले से बताया कि कोरोना वायरस महामारी ने केवल अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को तेज कर दिया है और इस वजह से नाटो की ओर से उकसावे की घटनाएं ज्यादा हो गई हैं.
संयुक्त राज्य अमेरिका और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच व्यापार युद्ध वैचारिक टकराव से बढ़ गए थे और अंत में एक प्रकार के शीत युद्ध में बदल गए थे. ऐसे में अब और ज्यादा उत्तेजनाएं देखी जा रही है और वो भी खासकर यूरोप में.
रूसी समाचार एजेंसी ने मेदवेदेव के हवाले से कहा, पिछले एक साल में, यह प्रथा बन गई है कि नाटो के जहाज लगातार बाल्टिक और ब्लैक सागर में रूसी सीमाओं तक पहुंच रहे हैं, इतना ही नहीं वह कभी-कभी उनका उल्लंघन भी करते हैं.
मेदवेदेव के अनुसार, "पश्चिमी प्रतिबंधों की नीति में COVID-19 महामारी के बीच कोई बदलाव नहीं हुआ है." यह स्पुतनिक ने रॉसिएस्काया गजेटा अखबार का हवाला देते हुए बताया है.
इस बीच, पिछले महीने यूएस-चीन व्यापार संबंधों के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कहा कि बीजिंग के वैश्विक व्यापार मानदंडों के पालन की कमी ने अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों की समृद्धि को कम कर दिया है.