SI के पेपर सॉल्व कर रहे थे दो किशोर%3Aव्हाट्सएप पर प्रश्न मिलते ही उत्तर ढूंढने में जुट गए थे स्कूली स्टूडेंट्स

बीकानेर, 14 सितंबर 2021  बीकानेर में पुलिस उप निरीक्षक (SI) का पेपर आउट करने के मामले में दो स्कूली स्टूडेंट्स की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। दोनों नाबालिग स्टूडेंट्स ने अपने स्तर पर उत्तर देने के साथ ही इन्हें क्रॉस चैक भी किया ताकि कोई उत्तर गलत नहीं हो। मुरलीधर व्यास कॉलोनी के जिस मकान से पुलिस को नकल की सूचना मिली थी, वहां से इन दोनों किशोरों को उत्तर ढूंढते हुए ही गिरफ्तार किया गया था।

मामले की जांच कर रहे नयाशहर थाना प्रभारी गोविन्द सिंह चारण ने बताया कि ये दोनों स्टूडेंट्स उसी घर में थे, जहां पर प्रश्नों के जवाब ढूंढे जा रहे थे। अपने स्तर पर सवालों के उत्तर लिखने के साथ ही हर प्रश्न को इंटरनेट पर भी देखा जा रहा था। कोई भी उत्तर गलत नहीं हो, इसलिए नेट से सभी प्रश्नों को क्रॉस चैक करके ही आगे भेजा जा रहा था। क्रॉस चैक करने में इन स्टूडेंट्स की मुख्य भूमिका मानी जा रही है। मोबाइल पर नेट फटाफट चलाने के कारण इनका चयन नकल गैंग में कर लिया गया। अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन बच्चों को भी किसी तरह का भुगतान किया जा रहा था या नहीं?

ये है लीकेज के कारण
दरअसल, किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्राइवेट स्कूल को सेंटर बनाया जाता है। यहां सब कुछ उसी स्कूल के संचालक के हाथ में होता है। यहां तक कि परीक्षा के दिन पेपर भी उसी के हवाले किए जाते हैं। पेपर पास आने के बाद एक अन्य टीचर की उपस्थिति में इसे खोला जाता है। अगर ये टीचर ही गैंग में शामिल हो जाये तो पेपर आउट करना आसान हो जाता है। सरकारी टीचर को भी सेंटर्स पर जिम्मेदारी सौंपी जाती है लेकिन वो गंभीरता से नहीं लेते।

तैयारी महीने की, कार्रवाई कुछ घंटे में
पेपर आउट करने की योजना करीब एक महीने पहले बन गई थी। स्कूल रामसहाय आदर्श सैकंडरी स्कूल के संचालक दिनेश सिंह चौहान से कई दिन पहले तय हो गया था कि उसे कब कैसे पेपर निकालकर देना है। उत्तर देने वाले नरेशदान चारण से भी पहले ही बात हो गई थी कि उसे तुरंत उत्तर निकालकर देने हैं। वहीं दो बच्चों को इन उत्तरों के क्रॉस चैक के लिए तैनात कर दिया गया। नकलचियों के हिसाब से सब कुछ सही चल रहा था। परीक्षा के दिन पेपर स्कूल पहुंचने के कुछ समय बाद ही बॉक्स खोल लिया गया। राजाराम बिश्नोई पहले से वहां ड्यूटी पर लगा दिया गया था। जिसने पेपर सामने आते ही उसके फोटो खींचकर मोबाइल से भेज दिए। मुरलीधर व्यास कॉलोनी में उसके उत्तर तैयार होने लगे और पाली भेजने शुरू कर दिए गए। पाली में एक सेंटर के बाहर खड़ा युवक अंदर परीक्षा दे रहे दूसरे युवक राजेश बेनीवाल को उत्तर दे रहा था। इसी दौरान पुलिस को पता चल गया कि नकल चल रही है। पाली में सबसे पहले कार्रवाई हुई। वहां से बीकानेर पुलिस को सूचना दी गई और नयाशहर पुलिस ने तुरंत दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को जानकारी मिलने के एक घंटे के अंदर दोनों जगह बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

और किसको मिला पेपर?
बीकानेर के रामपुरा स्थित निजी स्कूल से पेपर सिर्फ इस गैंग को ही भेजे गए थे, या फिर किसी अन्य को भी दिए गए? इस बिंदू पर पुलिस अभी जांच कर रही है। सख्ती के साथ गिरफ्तार युवकों से पूछा जा रहा है कि किस किस को पेपर दिया गया था। पंद्रह लाख रुपए अकेले एक स्टूडेंट से मिलने थे या फिर अन्य परीक्षार्थियों को भी इसमें शामिल किया गया था।

आज कोर्ट में पेश होंगे
गिरफ्तार युवकों को आज अदालत में पेश किया जायेगा। पुलिस रिमांड लेने की कोशिश कर रही है ताकि गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंच बन सके। वहीं नाबालिग स्टूडेंट्स को बाल न्यायालय में पेश किया जा रहा है। बच्चों की इस नकल में सामने आई भूमिका की जांच की जा रही है। इस मामले में दिनेश बेनीवाल, विकास बिश्नोई, सुरेश कुमार, राजाराम बिश्नोई, नरेशदान चारण, दिनेश सिंह चौहान, राजाराम उर्फ राजा बिश्नोई सहित दोनों नाबालिग स्टूडेंट्स गिरफ्तार हो चुके हैं।

Posted On:Tuesday, September 14, 2021


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