जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार करीब आ रहा है, वैसे-वैसे देशभर के सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपने दिवाली बोनस का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर साल कंपनियां कर्मचारियों को उत्सव के मौके पर नकद बोनस, मिठाई, गिफ्ट वाउचर, कपड़े या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देकर सम्मानित करती हैं। लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि इन उपहारों में से कुछ पर इनकम टैक्स भी लग सकता है। आम धारणा यह है कि त्योहारी गिफ्ट्स टैक्स-फ्री होते हैं, जबकि असलियत में ऐसा हमेशा नहीं होता। अगर किसी कर्मचारी को दिया गया उपहार या बोनस आयकर नियमों की सीमा से अधिक है, तो उसे अपनी आय में शामिल करके कर देना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग नोटिस भी भेज सकता है।
कब तक टैक्स-फ्री हैं दिवाली गिफ्ट्स?
आयकर अधिनियम की धारा 17(2)(viii) के तहत, अगर किसी कर्मचारी को उसके नियोक्ता से उपहार मिलता है जिसकी कीमत ₹5,000 तक है, तो वह पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है। यानी, कंपनी की ओर से दिए गए ₹5,000 तक के गिफ्ट हैम्पर, मिठाई का बॉक्स, परिधान, छोटे गैजेट या वाउचर पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, अगर उपहार का मूल्य ₹5,000 से अधिक है, तो उसका पूरा मूल्य कर्मचारी की आय में जोड़ दिया जाता है और उस पर नियमित वेतन की तरह टैक्स वसूला जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी को ₹12,000 का स्मार्टफोन गिफ्ट में मिला है, तो पूरे ₹12,000 को उसकी कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा।
कैश बोनस पूरी तरह टैक्सेबल
त्योहारी सीजन में कई कंपनियां नकद बोनस भी देती हैं। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि कैश बोनस पर पूरी तरह टैक्स लगता है। यह कर्मचारी के वेतन का हिस्सा माना जाता है और उसके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार कर देना होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को ₹30,000 का दिवाली बोनस मिला है, तो यह रकम उसकी सालाना आय में जोड़ी जाएगी। बाद में आय के अनुसार तय स्लैब के हिसाब से टैक्स काटा जाएगा। ऐसे बोनस पर कोई अलग छूट नहीं मिलती।
आय के अनुसार टैक्स दरें
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
- ₹4 लाख तक की वार्षिक आय — टैक्स फ्री
- ₹4 लाख से ₹8 लाख तक — 5% टैक्स
- ₹8 लाख से ₹12 लाख तक — 10% टैक्स
- ₹12 लाख से ₹16 लाख तक — 15% टैक्स
- ₹16 लाख से ₹20 लाख तक — 20% टैक्स
- ₹20 लाख से ₹24 लाख तक — 25% टैक्स
- ₹24 लाख से अधिक आय — 30% टैक्स
नई कर व्यवस्था में ₹12 लाख तक की आय पर ₹60,000 की मानक कटौती (Standard Deduction) का लाभ भी मिलता है, जिससे टैक्स बोझ थोड़ा कम हो सकता है।
टैक्स बचाने के लिए ध्यान रखें ये बातें
विशेषज्ञों का मानना है कि कर्मचारियों को अपने सभी बोनस और गिफ्ट की जानकारी आयकर रिटर्न (ITR) में जरूर देनी चाहिए। छोटे उपहारों के बिल या वाउचर संभालकर रखें ताकि किसी जांच की स्थिति में टैक्स प्रूफ प्रस्तुत किया जा सके। त्योहार की खुशी के साथ-साथ कर नियमों की समझ भी जरूरी है, क्योंकि सही जानकारी न सिर्फ आपको टैक्स नोटिस से बचा सकती है, बल्कि आपकी आर्थिक योजनाओं को भी संतुलित रख सकती है। इसलिए इस दिवाली, गिफ्ट का आनंद लें मगर टैक्स नियमों को भूलें नहीं।