हाल ही में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने LIC के निवेश के तरीकों पर उठाई जा रही सवालों की उंगली पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि सरकार, LIC को निवेश की सलाह नहीं देती और न ही उसके निवेश के फैसलों में हस्तक्षेप करती है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पॉलिटिकल एनालिस्ट तहसीन पूनावाला ने LIC के निवेश के तरीकों का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने कहा कि LIC एक प्रोफेशनली चलने वाली संस्था है, जिसके सख्त नियम हैं, जो इसे अपने फंड का $1\%$ से ज़्यादा किसी एक कॉर्पोरेट ग्रुप में इन्वेस्ट करने से रोकते हैं।
अडाणी ग्रुप में LIC के निवेश पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए पूनावाला ने 2017 के इन्वेस्टमेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि LIC ने जो अडाणी ग्रुप में निवेश किया था, वह अब लगभग दोगुना हो गया है। उन्होंने जोर दिया कि बीमा कंपनी ने जनता का पैसा खोया नहीं है, बल्कि उसे बढ़ाया है। पूनावाला ने सभी पक्षों से LIC को पॉलिटिकल लड़ाइयों और विवादों से दूर रखने की अपील की।
LIC एक प्रोफेशनली मैनेज्ड कंपनी है
तहसीन पूनावाला ने LIC के प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि, "LIC बहुत प्रोफेशनल तरीके से मैनेज होती है।"
उन्होंने LIC के विशाल वित्तीय आकार को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका इक्विटी पोर्टफोलियो ₹15 लाख करोड़ रुपये का है और यह भारत की बचत के ₹55 लाख करोड़ रुपये को मैनेज कर रहा है।
"वे सिर्फ इसलिए कहीं पैसा इन्वेस्ट नहीं कर सकते, क्योंकि किसी मंत्री ने ऑर्डर दिया है। LIC एक प्रोफेशनल संस्था है।"
निवेश के सख्त नियम और मुनाफा
पूनावाला ने LIC के आंतरिक निवेश नियमों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि LIC के अपने सख्त नियम इसे किसी एक कॉर्पोरेट ग्रुप में अपने कुल फंड का $1\%$ से ज़्यादा इन्वेस्ट करने से रोकते हैं।
उन्होंने अडाणी मामले पर बात करते हुए तथ्य पेश किए:
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साल 2017 में अडाणी ग्रुप में LIC का इन्वेस्टमेंट लगभग ₹30,000 करोड़ रुपये था।
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आज वह निवेश लगभग ₹65,000 करोड़ रुपये हो गया है।
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पूनावाला ने कहा, "तो यह सिर्फ बढ़ा है। इसने लोगों का पैसा नहीं गंवाया है।"
उन्होंने आगे बताया कि अडाणी के निवेश में से लगभग ₹5,000 करोड़ रुपये का ट्रिपल-ए बॉन्ड था, और अडाणी की उस खास बॉन्ड सीरीज में भी, कई इंटरनेशनल बैंकों और दूसरे प्लेयर्स ने इन्वेस्ट किया था।
देश के विकास में मददगार और राजनीति से दूरी
तहसीन पूनावाला ने जोर देकर कहा कि LIC देश के लिए अच्छा कर रही है और भारत LIC पर भरोसा करता है।
उन्होंने स्पष्ट अपील की: "हमें LIC को पॉलिटिक्स से दूर रखना चाहिए। यहाँ तक कि फाइनेंस मिनिस्टर या प्राइम मिनिस्टर भी LIC को फोन करके यहाँ या वहाँ इन्वेस्ट करने के लिए नहीं कह सकते।"
राजनीति से परे हटकर बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं BJP के खिलाफ हूँ। मुझे BJP पसंद नहीं है। लेकिन हमें भारत के लिए मजबूती से खड़ा होना चाहिए और LIC भारत का हिस्सा है। हमें LIC के लिए सबसे अच्छी उम्मीद करनी चाहिए।" उनका यह बयान LIC की स्वतंत्र और पेशेवर कार्यप्रणाली पर भरोसा जताता है।