भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2025 का आखिरी दिन उत्साहजनक रहा। बुधवार, 31 दिसंबर को साल के अंतिम कारोबारी सत्र की शुरुआत सकारात्मक संकेतों के साथ हुई। पिछले सत्र की मामूली गिरावट को पीछे छोड़ते हुए दोनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी 50, हरे निशान के साथ खुले, जिससे निवेशकों में साल के अंत में 'सांता क्लॉज रैली' की उम्मीदें जाग गईं।
बाजार की ओपनिंग का हाल
कारोबारी दिन की शुरुआत में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 118.50 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 84,793.58 के स्तर पर खुला। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 भी 32.20 अंक या 0.12 फीसदी की मजबूती दिखाते हुए 25,971.05 के लेवल पर ओपन हुआ।
बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों के भीतर तेजी और बढ़ गई। सुबह करीब 9:20 बजे तक:
-
सेंसेक्स: 216 अंकों की उछाल के साथ 84,891 के करीब पहुंच गया।
-
निफ्टी: 70 अंकों की तेजी के साथ 26,009 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया।
टॉप गेनर्स और लूजर्स (सुरुआती कारोबार)
शुरुआती सत्र में बाजार को बैंकिंग और मेटल शेयरों से सहारा मिला।
-
टॉप गेनर्स: टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, अडानी पोर्ट और ट्रेंट के शेयरों में अच्छी खरीदारी देखी गई।
-
टॉप लूजर्स: दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, टीसीएस और इटरनल के शेयरों में बिकवाली का दबाव नजर आया।
पिछले सत्र (30 दिसंबर) का लेखा-जोखा
इससे पहले मंगलवार को बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया था और अंत में बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ था।
-
सेंसेक्स: 20.46 अंक फिसलकर 84,675.08 पर बंद हुआ।
-
निफ्टी: 3.25 अंक की मामूली गिरावट के साथ 25,938.85 के स्तर पर रहा।
मंगलवार को बीएसई बास्केट के 30 में से केवल 12 शेयर ही हरे निशान पर बंद हो सके थे। विशेष रूप से आईटी (निफ्टी आईटी), एफएमसीजी और मिडकैप सेगमेंट में गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि बैंकिंग और ऑटो सेक्टर ने बाजार को संभालने की कोशिश की थी।
साल के अंत में निवेशकों की रणनीति
आज साल का आखिरी दिन होने के कारण बाजार में वॉल्यूम थोड़ा कम रह सकता है, लेकिन निफ्टी का 26,000 के ऊपर टिकना तकनीकी रूप से एक मजबूत संकेत माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि नए साल (2026) की शुरुआत से पहले फंड मैनेजर अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस कर रहे हैं, जिससे चुनिंदा लार्ज-कैप शेयरों में हलचल तेज है।
धातु और बैंकिंग सेक्टर में आई तेजी वैश्विक संकेतों और घरेलू डिमांड के कारण है। हालांकि, आईटी शेयरों में जारी सुस्ती अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। निवेशकों की नजर अब साल के अंतिम क्लोजिंग आंकड़ों पर टिकी है।