सूरत, 14 मार्च ( न्यूज हेल्पलाइन ) शहर में आए दिन नवजात बच्चों को फेंक देने का मामला सामने आ जाता है। पिछले 48 दिन में ये तीसरा नवजात बच्चा है जो शुक्रवार की देर रात लिंबायत से मिला। मिली जानकारी के मुताबिक लिम्बायत क्षेत्र में शुक्रवार की रात में कचरे के ढेर में से मृत हालत में एक नवजात शिशु मिला। घटना के की वजह से स्थानीय लोगो की भीड़ एकत्रित हो गई। घटना के बारे में जानकारी दिए जाने पर पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात का शव कब्जे में लिया गया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ लिंबायत स्थित गणेशनगर-1 स्थित कंठमहाराज से राम मंदिर जानेवाले मार्ग के डिवाइडर के पास पड़े कचरे के ढेर में कोई अज्ञात महिला ने नवजात को जन्म देकर उसे मृत अवस्था में छोड़कर फरार हो गई। नवजात एक कागज के अंदर लिपटे हुआ था। एक नवजात का शव देख लोगो की वहा भीड़ इकट्ठा हो गई। घटना के बारे में सुचना दिए जाने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने प्राथमिक जाँच पड़ताल की और फिर नवजात के शव को अस्पताल में भेजा गया। पुलिस ने लिंबायत के डीके नगर निवासी मुकेशसिंग रणविजयसिंग राजपूत नामक सिक्युरिटी गार्ड की शिकायत के आधार पर अज्ञात महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच शुरू की है।
जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी सिक्योरिटी गार्ड ने बताया
इस बारे में बात करते हुए सिक्योरिटी गार्ड 32 वर्षीय मुकेश सिंह राजपूत ने बताया कि मैं अपनी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर से उधना से रात को लौट रहा था तभी ऑटो रिक्शा से जाते हुए मैंने नीलगिरी सर्कल के पास ऑटो चेंज की। इसके बाद गोड़ादरा नहर गणेश नगर 1 प्लॉट नंबर 36 बटा 37 के कंट्री महाराज श्री राम मंदिर जाने वाली मेन सड़क के डिवाइडर पर कचरे का ढेर पड़ा था जहां बहुत सारे लोग इकट्ठा थे। मैंने ऑटो रिक्शा से नीचे उतर कर देखा तो डिवाइडर के बगल जो कचरे का ढेर साथ में पेपर के अंदर एक नवजात बच्चा फेंका हुआ था। जिसके बाद मैंने सो नंबर पर फोन लगा और थोड़ी देर में पुलिस की पीसीआर वैन वहां पर पहुंच गई।
5 महीने का अजन्मा भ्रूण था
स्मीमर अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर इलियास शेख ने बताया कि बच्ची 5 महीने की भ्रूण थी। जब वह मिली थी तब वह मृत ही थी। इसमें महिला को या तो मिसकैरेज हुआ होगा या तो अबॉर्शन करवाया गया होगा। उसके शव के आसपास दवा की बोतलें तथा पानी चढ़ाने के इस्तेमाल में आने वाला पाइप भी पडा हुआ था।
पिछले 48 दिन में तीसरी घटना
बता दें कि इससे पहले 22 जनवरी को पांडेसरा कर बमरोली रोड पर एक नवजात बच्ची मिली थी। तुलसीधाम सोसायटी के मकान के पास गटर में उस बच्ची की उम्र 1 दिन की थी।
इसके बाद 8 फरवरी को पांडेसरा के पंचमुखी बीआरटीएस के सामने एक जंग लगी कार में 2 दिन का नवजात बच्चा मृत हालत में मिला था। इसके अलावा 9 फरवरी को पांडेसरा में कचरे के ढेर से एक बच्ची का भ्रूण मिला था जो 6 से 7 महीने की थी।
पिछले साल 16 बच्चे मिले थे
शहर में पिछले साल 16 नवजात बच्चे मिले हैं। शहर के अलग अलग हिस्सों में पिछले एक साल में 16 मामले सामने आये हैं। इसमें कुछ बच्चे मृत पाए गए थे और कुछ जीवित थे। सबसे ज्यादा 9 मृत बच्चे मिले हैं और 7 बच्चे जीवित थे। पांडेसरा, लिम्बायत, कतारगाम जैसे इलाकों में नवजातों को छोड़ दिया जाता था।
3 टीम बनाकर क्लीनिक में भी कर रहे हैं
लिंबायत पुलिस इंस्पेक्टर एचबी झाला ने बताया कि अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है लेकिन आसपास के इलाकों के सीसीटीवी कैमरे जांच किए जा रहे हैं। इसके अलावा हमने 3 टीम बनाई है और उस इलाके में जो आसपास के कुछ क्लीनिक है उनमें भी जाकर पूछताछ कर रहे हैं कि वहां पर कोई डिलीवरी तो नहीं की गई। फिलहाल या एबॉर्शन या मिसकैरेज का कोई मामला अगर है तो इस बारे में कुछ पुख्ता नहीं कहा जा सकता।