देश के एविएशन वॉचडॉग, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया को एक ऐसे विमान का परिचालन करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है, जो उड़ने लायक (Airworthy) नहीं था। DGCA ने पाया कि एयर इंडिया ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन करते हुए ऐसे एयरक्राफ्ट को बार-बार उड़ाया, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान गंभीर खतरे में पड़ गई थी।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, 164 सीटों वाले एयरबस A320 विमान को एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट (उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र) एक्सपायर होने के बाद भी 24-25 नवंबर को आठ बार उड़ान भरने की अनुमति दी गई।
एक इंजीनियर को जब इस गंभीर गलती का पता चला, तो तुरंत उस एयरक्राफ्ट को ग्राउंडेड (रोक दिया) कर दिया गया। DGCA ने इस पूरे मामले की गहन जाँच शुरू कर दी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा खिलवाड़ है।
चौंकाने वाला खुलासा: भरोसे पर गहरा संकट
यह खुलासा इसलिए भी बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि एयर इंडिया पहले से ही 12 जून के ड्रीमलाइनर क्रैश के बाद लोगों का भरोसा फिर से जीतने के लिए संघर्ष कर रही है, जिसमें 260 लोग मारे गए थे।
एयरलाइन लगातार यह दावा करती रही है कि यात्रियों की सुरक्षा उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। लेकिन, यह नई घटना उसके इंटरनल कंट्रोल (आंतरिक नियंत्रण) और ओवरसाइट (पर्यवेक्षण) पर बड़े सवाल खड़े करती है। इस गंभीर लापरवाही ने एक बार फिर कंपनी की गुडविल (साख) को बुरी तरह बिगाड़ दिया है।
क्रैश के बाद भी सुरक्षा पर सवाल
12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के क्रैश के बाद, DGCA ने एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों पर गहन जाँच और रखरखाव के आदेश दिए थे ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालाँकि, क्रैश के बाद भी कम से कम पाँच अन्य बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है, जो सभी सुरक्षित रहीं।
लेकिन, एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बावजूद विमान को उड़ाने जैसी खबरें एक बार फिर एयर इंडिया पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। यह घटना यात्रियों के दिल में डर पैदा कर रही है कि एयरलाइन उनकी सुरक्षा के प्रति कितनी गंभीर है।
DGCA पर भी उठे सवाल
यह घटना DGCA की निगरानी पर भी सवालिया निशान लगाती है कि कैसे उसकी नजरों से चूक कर एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बावजूद एक विमान ने आठ बार उड़ान भरी। आमतौर पर, एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि विमान उड़ान भरने और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की स्थिति में है। इसके बिना उड़ान भरना अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियमों का एक गंभीर उल्लंघन है।
इस मामले में DGCA को न केवल एयर इंडिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी, बल्कि अपनी निगरानी प्रक्रियाओं की भी गहन समीक्षा करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की जानलेवा लापरवाही को रोका जा सके।