रेलवे भूमि अतिक्रमण से जुड़े बहुचर्चित बनभूलपुरा प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट 10 दिसंबर को अपना संभावित अंतिम फैसला सुना सकता है। इस ऐतिहासिक निर्णय से पहले हल्द्वानी में सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व स्तर पर कड़ी कर दी गई है। नैनीताल पुलिस और जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड में हैं। संवेदनशील क्षेत्र बनभूलपुरा को ‘जीरो ज़ोन’ घोषित करते हुए यहां बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। शहर के भीतर और सीमावर्ती इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि फैसले के दौरान या उसके बाद किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
रविवार देर शाम SSP नैनीताल ने वरिष्ठ अधिकारियों, जोन-वार पुलिस टीमों और खुफिया यूनिट के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सुरक्षा की विस्तृत योजना पर चर्चा की गई, जिसके तहत पूरे बनभूलपुरा क्षेत्र में बैरिकेडिंग, फ्लैग मार्च, मेटल डिटेक्शन और ड्रोन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही BDS टीमों द्वारा बम जांच और एंटी-सबोटाज ऑपरेशन भी शुरू कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी और यदि कोई व्यक्ति माहौल खराब करने की कोशिश करता है तो सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
स्थानीय आईडी अनिवार्य, संदिग्धों पर नजर
बनभूलपुरा के कोर इलाकों में लोकल आईडी के बिना प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। पुलिस का मानना है कि बाहरी तत्वों के प्रवेश को रोककर संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग भी तेज कर दी गई है। भड़काऊ पोस्ट, अफवाह या भ्रम फैलाने वाली किसी भी गतिविधि पर तुरंत साइबर सेल और संबंधित थाना कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। जिले भर में पाबंद मुचलके की कार्यवाही भी प्रारंभ की गई है, ताकि उपद्रवी तत्वों को पहले ही नियंत्रित किया जा सके।
10 दिसंबर को भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध
सुरक्षा कारणों के चलते 10 दिसंबर की सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक जिले की सीमाओं में भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी माल वाहक ट्रकों को सीमा पर ही रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, पर्वतीय और मैदानी रूटों के लिए अलग-अलग डायवर्जन योजना लागू कर दी गई है।
बड़े पैमाने पर रूट डायवर्जन
रामपुर, किच्छा, बरेली, बाजपुर, सितारगंज और काशीपुर की ओर से आने वाले सभी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जाएगा। किच्छा–सितारगंज–खटीमा बायपास को मुख्य डायवर्जन के रूप में चुना गया है। पर्वतीय इलाकों से मैदानी क्षेत्रों की ओर आने वाले वाहनों को टनकपुर–चंपावत मार्ग से रूट किया जाएगा। शहर के भीतर भी नैनीताल, भवाली, कैंचीधाम और भीमताल जाने वाले यात्री गौलापार व अन्य बाहरी बायपास मार्गों का इस्तेमाल करेंगे। तिकोनिया, ताज चौराहा, रेलवे स्टेशन, घास मंडी और बनभूलपुरा के मुख्य हिस्सों में आवागमन पूरी तरह रोका गया है।
फैसले से पहले शहर सुरक्षा घेरे में
पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू जैसी सुरक्षा चौकसी देखी जा रही है। बनभूलपुरा को चारों तरफ से सील कर दिया गया है और प्रत्येक प्रवेश द्वार पर अतिरिक्त पुलिस, PAC और दंगा नियंत्रण वाहन तैनात किए गए हैं। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी विवाद, भीड़ जुटाने या अराजक प्रदर्शन के प्रयास पर तुरंत नियंत्रणात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अंततः सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले हल्द्वानी में शांति और सद्भाव बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें, निर्धारित यातायात नियमों का पालन करें और शहर में शांति बनाए रखने में पुलिस एवं प्रशासन का सहयोग करें।