ताजा खबर

दिल्ली में सालभर में पॉल्यूशन से 17000 मौतें, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से भी ज्यादा हुआ जानलेवा

Photo Source :

Posted On:Saturday, November 1, 2025

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में सुर्खियों में है. इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में दिल्ली में 17,188 लोगों की मौतें सीधे तौर पर वायु प्रदूषण के कारण हुईं. यह भयावह आँकड़ा दर्शाता है कि दिल्ली में हुई हर सात में से लगभग एक मौत के लिए जहरीली हवा जिम्मेदार थी.

PM2.5 अब तक का सबसे बड़ा 'किलर'

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के विश्लेषण के मुताबिक, 2023 में दिल्ली में हुई कुल मौतों में से लगभग 15% मौतें सिर्फ और सिर्फ प्रदूषण के कारण हुईं. रिपोर्ट यह बताती है कि हवा में मौजूद महीन प्रदूषक कण, पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5), अब भी दिल्ली में मौतों का सबसे बड़ा कारक है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में PM2.5 का स्तर लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय किए गए सुरक्षित मानकों से कई गुना अधिक बना रहता है.

प्रदूषण पारंपरिक जोखिमों से भी ज्यादा खतरनाक

IHME की रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली की खराब हवा अब हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे पारंपरिक स्वास्थ्य जोखिमों की तुलना में कहीं ज़्यादा खतरनाक बन चुकी है.

2023 में दिल्ली में अन्य प्रमुख स्वास्थ्य कारणों से हुई मौतें (तुलनात्मक रूप से):

कारण मौतों की संख्या कुल मौतों का प्रतिशत
वायु प्रदूषण (PM2.5) 17,188 ~15%
हाई ब्लड प्रेशर 14,874 12.5%
हाई ब्लड शुगर (डायबिटीज) 10,653 9%
हाई कोलेस्ट्रॉल 7,267 6%
मोटापा (BMI ज़्यादा) 6,698 5.6%

आंकड़ों से स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण राजधानी के निवासियों के लिए नंबर वन जानलेवा खतरा बन चुका है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और विशेषज्ञों की चेतावनी

CREA की रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि प्रदूषण अब केवल पर्यावरण का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट (Public Health Crisis) का रूप ले चुका है. प्रदूषण के कारण फेफड़ों की बीमारियां, हृदय रोग, स्ट्रोक और बच्चों में अस्थमा के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. एम्स (AIIMS) के पूर्व डायरेक्टर्स सहित अन्य विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वायु प्रदूषण कोविड-19 से भी अधिक जानलेवा साबित हो सकता है क्योंकि यह दिल, दिमाग और फेफड़ों को धीरे-धीरे खराब कर रहा है.

विशेषज्ञों ने सरकार से विज्ञान-आधारित ठोस नीतियों और सख्त कार्रवाई की मांग की है. इसमें औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, वाहनों से निकलने वाले धुएं पर सख्ती और शहर में ग्रीन जोन (हरियाली) को बढ़ाने जैसे उपाय शामिल होने चाहिए. रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी गई है कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली में प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकड़ा और भी भयावह हो सकता है.


बीकानेर, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. bikanervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.