दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास चलती कार में हुए भीषण धमाके, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई, के बाद फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी विवादों के केंद्र में आ गई है। पुलिस ने इस मामले में आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करते हुए यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल सहित कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है, जिन पर धमाके की साजिश रचने का आरोप है।
इस गंभीर मामले में पहली बार अल-फलाह यूनिवर्सिटी का आधिकारिक बयान सामने आया है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए धमाके में शामिल डॉक्टरों के साथ किसी भी तरह के संगठनात्मक लिंक होने से स्पष्ट इनकार किया है।
यूनिवर्सिटी का आधिकारिक बयान
वाइस चांसलर द्वारा जारी प्रेस नोट में निम्नलिखित मुख्य बातें कही गई हैं:
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धमाके की निंदा: प्रेस नोट में सबसे पहले दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी निंदा की गई है।
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विस्फोटक सामग्री का खंडन: यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि उनके कैंपस से किसी भी तरह का विस्फोटक या आपत्तिजनक रसायन नहीं मिला है, जैसा कि कुछ प्लेटफार्मों द्वारा आरोप लगाया गया है।
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प्रयोगशालाओं का उपयोग: यह बताया गया है कि यूनिवर्सिटी की प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और विशेष रूप से एमबीबीएस छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए ही किया जाता है। किसी अन्य उद्देश्य के लिए प्रयोगशालाओं का उपयोग नहीं होता है।
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कर्मचारियों से संबंध: वाइस चांसलर ने पुष्टि की कि जांच एजेंसियों ने उनके दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि "विश्वविद्यालय का उन व्यक्तियों के साथ कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में अपनी आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे थे।"
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झूठे आरोपों का खंडन: यूनिवर्सिटी ने मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर लगाए जा रहे सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों की कड़ी निंदा करते हुए, उनका स्पष्ट रूप से खंडन किया है।
जांच में पूरा सहयोग
प्रेस नोट में यूनिवर्सिटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जांच एजेंसियां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले में "तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।"
यह प्रेस नोट यूनिवर्सिटी की छवि और विश्वसनीयता को बचाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 13 में धमाके की साजिश रचने की खबरें सामने आई थीं। यूनिवर्सिटी ने इन आरोपों को निराधार बताया है और खुद को इस आतंकी घटना से दूर रखने का प्रयास किया है।