भारत सरकार ने 9 मई से 14 मई 2025 तक उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों पर सभी नागरिक उड़ानों को रोकने का ऐलान किया है। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) ने इस निर्णय की जानकारी एक नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी करके दी। इस फैसले का मुख्य कारण भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, दिल्ली और मुंबई के हवाई क्षेत्र में 25 हवाई मार्ग भी 15 मई 2025 की सुबह 5:29 बजे तक बंद रहेंगे।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा चिंताओं के कारण इस निर्णय को लिया गया। हालांकि, सरकार ने आधिकारिक रूप से इसे परिचालन वजहों से लिया गया फैसला बताया है, लेकिन इसका स्पष्ट संकेत है कि यह कदम सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित खतरों से बचने के लिए उठाया गया है। सुरक्षा कारणों से यह फैसला विशेष रूप से उन हवाई अड्डों के लिए लागू किया गया है जो भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के पास स्थित हैं। इससे पहले भी, सीमा के पास स्थित सैन्य और नागरिक हवाई अड्डों को सुरक्षा कारणों से बंद करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
कौन से हवाई अड्डे प्रभावित होंगे?
नोटिस के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में स्थित 32 हवाई अड्डों को बंद किया गया है। इनमें से प्रमुख हवाई अड्डों में अमृतसर, चंडीगढ़, श्रीनगर, लेह, बठिंडा, और जामनगर जैसे शहरों के हवाई अड्डे शामिल हैं। इन हवाई अड्डों की सूची निम्नलिखित है:
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अधमपुर
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अंबाला
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अमृतसर
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अवंतीपुर
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बठिंडा
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भुज
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बीकानेर
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चंडीगढ़
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हलवारा
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हिंडन
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जैसलमेर
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जम्मू
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जामनगर
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जोधपुर
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कांडला
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कांगड़ा (गग्गल)
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केशोद
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किशनगढ़
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कुल्लू मनाली (भुंतर)
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लेह
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लुधियाना
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मुंद्रा
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नालिया
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पठानकोट
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पटियाला
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पोरबंदर
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राजकोट (हिरासर)
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सरसावा
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शिमला
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श्रीनगर
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थोईस
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उत्तरलाई
क्या असर होगा यात्रियों पर?
इस निर्णय का सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो इन हवाई अड्डों से उड़ान भरने की योजना बना रहे थे। प्रमुख शहरों जैसे अमृतसर, चंडीगढ़, श्रीनगर, लेह और जम्मू से हवाई उड़ानें रद्द होने के कारण यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करना पड़ सकता है। इससे न केवल पर्यटकों को बल्कि स्थानीय लोगों को भी कठिनाई हो सकती है। एयरलाइंस को यात्रियों को उड़ान रद्द होने के बारे में सूचित करने और वैकल्पिक मार्गों पर यात्रा की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
हवाई मार्गों की बंदी:
इसके साथ ही, दिल्ली और मुंबई के हवाई क्षेत्र में 25 हवाई मार्गों की भी बंदी का फैसला लिया गया है। ये मार्ग 9 मई से लेकर 14 मई तक बंद रहेंगे, और 15 मई 2025 की सुबह 5:29 बजे तक यह स्थिति बनी रहेगी। इस बंदी के कारण एयरलाइंस को अपनी उड़ान मार्गों को फिर से समायोजित करने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय से दिल्ली और मुंबई के हवाई क्षेत्रों में विमानन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे पूरे देश में हवाई यातायात का प्रवाह बाधित हो सकता है।
क्या सरकार ने कोई अन्य जानकारी दी है?
सरकार ने इस बंदी के बारे में अभी तक कोई अन्य विस्तृत जानकारी नहीं दी है। हालांकि, यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लिया गया है। सीमा के पास स्थित हवाई अड्डों को इस बंदी के तहत रखा गया है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार किसी संभावित खतरे से बचने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।
एयरलाइंस और यात्रियों के लिए सरकार की सलाह
AAI ने यह स्पष्ट किया है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। एयरलाइंस को कहा गया है कि वे यात्रियों को तत्काल स्थिति से अवगत कराएं और उन्हें उड़ान रद्द होने या नए मार्गों के बारे में सूचित करें। यात्रियों से भी यह अपील की गई है कि वे अपनी यात्रा की योजना में लचीलापन रखें और एयरलाइंस द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार चलें।
इस रोक के दौरान, यात्रियों को जरूरी जानकारी के लिए एयरलाइंस या संबंधित एयरपोर्ट से संपर्क करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, AAI ने यह भी कहा है कि यात्रियों के लिए उपलब्ध वैकल्पिक मार्गों और उड़ानों के बारे में पहले से सूचना प्रदान की जाएगी, ताकि उनकी यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम एक सुरक्षा उपाय के रूप में लिया गया है, जो वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए समझ में आता है। हालांकि, यह निर्णय यात्रियों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन सरकार का कहना है कि सुरक्षा सबसे पहले है। यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करने के लिए तैयार रहना होगा, और एयरलाइंस को उनके मार्गों में आवश्यक बदलाव के बारे में सूचित किया जाएगा।