राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार विधानसभा चुनाव २०२५ के लिए अपनी पार्टी के चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। कुशवाहा की पार्टी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे के तहत कुल छह विधानसभा सीटें मिली हैं। इस घोषणा के साथ ही महुआ सीट को लेकर एनडीए गठबंधन के भीतर चला आ रहा गतिरोध भी समाप्त हो गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा महुआ विधानसभा सीट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को दिए जाने से नाराज थे, लेकिन दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई निर्णायक मुलाकात के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ने पर सहमति व्यक्त कर दी। दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद, उन्होंने पटना में चार सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का खुलासा किया। शेष दो सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बाद में की जाएगी।
जारी हुई पहली सूची

राष्ट्रीय लोक मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव में उजियारपुर, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, पारू और बाजपट्टी सीटों से अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी के प्रदेश महासचिव सुभाष चन्द्रवंशी ने जानकारी दी कि सासाराम विधानसभा सीट से खुद उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता को टिकट दिया गया है। अन्य घोषित उम्मीदवारों में दिनारा से आलोक कुमार सिंह, उजियारपुर से प्रशांत कुमार पंकज, और मधुबनी से माधव आनंद शामिल हैं। पारू और बाजपट्टी सीटों के लिए नामों को अंतिम रूप दिया जाना शेष है।
महुआ सीट पर सुलझा विवाद
सीट शेयरिंग की घोषणा के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने महुआ सीट लोजपा (रामविलास) को दिए जाने पर अपनी नाराजगी जताई थी, जिसके चलते एनडीए गठबंधन में कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बन गई थी। विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार रात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा ने कुशवाहा से मुलाकात की। यह बैठक देर रात ४ बजे तक चली, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।
गृह मंत्री शाह की मध्यस्थता
अगले दिन, बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले में हस्तक्षेप किया और उपेंद्र कुशवाहा को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया। अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच लगभग ४५ मिनट तक चली वार्ता के बाद, कुशवाहा महुआ सीट छोड़ने के लिए सहमत हो गए। बैठक के बाद कुशवाहा ने मीडिया से कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा विवाद नहीं था, बल्कि कुछ 'मुद्दे थे जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक था'। उन्होंने पुष्टि की कि अब सभी चीजें स्पष्ट हैं और उनकी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार में एक बार फिर एनडीए गठबंधन की सरकार बनेगी। इस घोषणा से बिहार में चुनावी समीकरणों को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो गई है और एनडीए गठबंधन अब पूरी ताकत से चुनावी रण में उतरने की तैयारी में है।